रांची:सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के खिलाफ एसटी एससी थाने में आवेदन देकर केस दर्ज करवाया है. इस मामले में अब गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे सवाल उठाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर आवेदन की कॉपी साझा कर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है.
झारखंड की राजनीति में हर कदम नया सियासी हलचल हो रहा है. दोपहर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के ऊपर एससी एसटी थाने में मामला दर्ज कराया गया. उसके बाद झारखंड में एक नया सियासी घमासान शुरू हो गया. हेमंत सोरेन के आवेदन पर मामला दर्ज कर लिया गया लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि हेमंत सोरेन ने जिस विधानसभा का विधायक होने का पत्र थाने में दिया है झारखंड में ऐसी कोई विधानसभा क्षेत्र है ही नहीं.
एफआईआर के लिए दिए अपने आवेदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लिखा है कि 'मैं हेमंत सोरेन मेरे पिता का नाम शिबू सोरेन है और मैं तीन कांके रोड रांची में रहता हूं और शेड्यूल ट्राइब मेंबर हूं. साहिबगंज विधानसभा क्षेत्र के मेंबर ऑफ लेजिस्लेटिव असेंबली के तौर पर प्रतिनिधित्व करता हूं. पहली ही लाइन में हेमंत सोरेन ने लिखा है कि मैं साहिबगंज विधानसभा क्षेत्र का विधायक हूं और इसी को आधार बनाकर के उन्होंने अपने परिचय के तौर पर यह लिखा है. इसी के आधार पर अपना आवेदन दिया है.
एससी एसटी थाने के थाना अध्यक्ष ने मामला दर्ज करते हुए इसकी जांच के निर्देश दे दिए हैं. इसमें विधिवत केस संख्या 6/24 डेट 31/01/24 U/S 3(1) (P)(r)(s)(u) SC/ST(PA) Act. पंजीकृत कर लिया. इसके साथ ही इसकी जांच के आदेश भी दे दिए. लेकिन पहले सूचना रिपोर्ट में इस बात को भी तय नहीं किया गया कि जिस झारखंड के साहिबगंज विधानसभा के विधायक ने उन्हें पत्र भेजा है, वह विधानसभा क्षेत्र झारखंड में है भी कि नहीं. गलत लिख कर आए हुए आवेदन पर ही थाने में FIR अंकित कर लिया गया है. BJP सांसद निशिकांत दूबे ने इसे लेकर सवाल उठाया है.
इस पूरे मामले को लेकर के भाजपा के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा है 'मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी आपको यह भी नहीं पता कि आप बरहेट विधानसभा के विधायक हैं, साहिबगंज नाम का कोई भी विधानसभा झारखंड में नहीं है. झूठा केस, झूठ के व्यक्ति ने तो ईडी पर नहीं कर दिया. यह महाधिवक्ता आपको चौपट कर दिया.'