पटना: कहते हैं बिहार और उत्तर प्रदेश की राजनीतिसे ही पूरे देश की राजनीति निर्धारित होती है. बिहार में कब क्या खेला हो जाए, किसी को पता नहीं होता. सीएम नीतीश को बिहार में राजनीति का धुरंधर कहा जाता है. लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार कोई फैसले यूं ही नहीं लेते ब्लिक नीतीश के सिपहसालारों की बड़ी भूमिका रहती है.
एक्टिव मोड में जेडीयू: ऐसे तो जदयू में नीतीश कुमार ही सर्व मान्य नेता हैं और उन्हीं का फैसला सबके लिए मान्य है, लेकिन नीतीश कुमार के आधा दर्जन नजदीकियों का पार्टी में दबदबा साफ दिखता है. लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार के ये नजदीकी नेता ही सिपहसालार के रूप में काम कर रहे हैं. ये सभी 2024 का रण जीताने में नीतीश कुमार को सहयोग देते दिख रहे हैं.
नीतीश के सिपहसालार हैं ये नेता: नीतीश कुमार के खास लोगों में संजय झा, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, बिजेंद्र यादव, अशोक चौधरी और वशिष्ठ नारायण सिंह हैं. नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी में संजय झा और विजय कुमार चौधरी की बड़ी भूमिका रही है, अब लोकसभा चुनाव में भी नीतीश कुमार के सभी सलाहकार नीतीश कुमार का बेड़ा पार कराने में लगे हैं.
करीबी नेताओं की सूची में संजय झा: बता दें कि संजय झा बीजेपी से जदयू में नीतीश कुमार के कारण ही शामिल हुए हैं. जब से वह जदयू में आए हैं, नीतीश कुमार के खास लोगों में से एक हैं. इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही थी, लेकिन एनडीए में वापसी के बाद दरभंगा सीट बीजेपी के पास जाना तय है और इसीलिए नीतीश कुमार ने संजय झा को राज्यसभा सीट गिफ्ट में दिया है.
एनडीए में वापसी में संजय झा की भूमिका अहम: संजय झा लंबे समय तक बिहार सरकार के महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री रहे हैं और नीतीश कुमार के बड़े फैसलों में हमेशा साथ देते रहे हैं. यहां तक कि एनडीए में फिर से नीतीश कुमार की वापसी में संजय झा ने बीजेपी से तालमेल में बड़ी भूमिका निभाई है. अब लोकसभा चुनाव में भी संजय झा चुनाव प्रचार से लेकर एनडीए के साथ बेहतर तालमेल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और नीतीश कुमार के बड़े मददगार बनने वाले हैं. पहले भी लोकसभा चुनाव में प्रचार की रणनीति बनाने में संजय झांकी बड़ी भूमिका रही है.
यस मैन के रूप में विजय कुमार चौधरी: नीतीश कुमार के हमेशा साथ रहने वाले विजय कुमार चौधरी भी नीतीश कुमार के बड़े राजनीतिक सलाहकार में से एक हैं. विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका हो या फिर बिहार सरकार के मंत्री की, हमेशा नीतीश कुमार के यश मैन के रूप में काम करते रहे हैं और अब लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से विजय कुमार चौधरी की बड़ी भूमिका होगी.
समता पार्टी से ही साथ हैं श्रवण कुमार: नीतीश कुमार के नजदीकी लोगों में से श्रवण कुमार एक हैं. समता पार्टी काल से ही नीतीश कुमार के साथ हैं और सबसे बड़ी बात की नीतीश कुमार के गृह जिला से आते हैं. नीतीश कुमार के सभी फैसलों में आंख मूंद कर समर्थन करते रहे हैं. बिहार सरकार में लगातार महत्वपूर्ण विभाग में मंत्री भी रहे हैं. नीतीश कुमार अपने सभी बड़े फैसलों में बड़ी जिम्मेदारी देते रहे हैं, वहीं जदयू विधायकों के कस्टोडियन भी हैं. अब लोकसभा चुनाव में भी श्रवण कुमार बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं.
महागठबंधन में जाने के फैसले में बिजेंद्र यादव की भूमिका: बता दें कि बिजेंद्र यादव भी नीतीश कुमार के साथ लंबे समय से हैं. ऐसे नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में जाने के फैसले का बिजेंद्र यादव ने विरोध किया था, लेकिन सार्वजनिक रूप से कभी भी नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं गए हैं और पार्टी में हमेशा बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं. नीतीश कुमार जब महागठबंधन में गए थे तो उस समय बिजेंद्र यादव ने बड़ी भूमिका निभाई थी. नीतीश कुमार अपने बड़े फैसलों में हमेशा बिजेंद्र यादव से सलाह मशवरा करते हैं.
कम एक्टिव होकर भी बड़ी भूमिका में वशिष्ठ नारायण सिंह: जदयू में वशिष्ठ नारायण सिंह दादा के नाम से जाने जाते हैं और नीतीश कुमार के सबसे नजदीकियों में से एक माने जाते हैं. पार्टी में जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है, तो नीतीश कुमार वशिष्ठ नारायण सिंह से जरूर एक बार चर्चा करते हैं. वह पार्टी में भले ही बहुत एक्टिव नहीं हैं, लेकिन कई स्तर पर नीतीश कुमार को अपनी सलाह देते रहे हैं.