देहरादून:उत्तराखंड में 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है. जिसके लिए जोरों शोरों से तैयारियां की जा रही हैं. इस बार आचार संहिता लागू होने के कारण चारधाम यात्रा के पोस्टर बैनर्स पर सीएम, मिनिस्टर की फोटो का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा. आचार संहिता होने की वजह से सरकार भक्तों के स्वागत या अन्य किसी भी तरह से संबंधित विज्ञापन नहीं दे पाएगी. इसके साथ ही कई ऐसे जरूरी काम हैं जिनके लिए निर्वाचन आयोग से परमिशन लेनी होगी. फिलहाल, निर्वाचन आयोग ने चारधाम यात्रा से जुड़े शुरुआती कामों को हरी झंडी दे दी है.
सरकार ने चुनाव आयोग से किया पत्राचार:बता दें कि 10 को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे. साथ ही 12 मई को बदरीनाथ धाम के पट खोले जाएंगे. मौजूद समय में लोकसभा चुनाव के कारण सभी व्यवस्थाएं चुनाव आयोग के पास हैं. लिहाजा शासन-प्रशासन ने चुनाव आयोग से पत्राचार करके आठ बिंदुओं पर अनुमति मांगी है. जिसमें कहा गया है कि मतगणना के बाद उत्तराखंड राज्य को आचार संहिता में छूट मिलनी चाहिए, क्योंकि अगर आचार संहिता में छूट नहीं मिली तो चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को पूरी तरह से मुकम्मल नहीं किया जा सकेगा.
सीएम धामी ने चारधाम यात्रा को लेकर की थी बैठक:चारधाम यात्रा प्रबंधन, विद्युत आपूर्ति, कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, नियंत्रण पेयजल आपूर्ति और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ यहां आने वाले यात्रियों की सुख-सुविधा के लिए सरकार क्या-क्या कुछ कर सकती है. उसमें फैसले लेने के लिए सरकार और शासन को अनुमति मिले. हालांकि आचार संहिता लगने से पहले राज्य सरकार ने यात्रा की बहुत हद तक तैयारी पहले ही कर ली थी, लेकिन 10 मई से पहले भी कई ऐसे काम होने हैं, जो चुनाव की वजह से रुके हुए थे. सीएम धामी ने तीन दिन पहले चारधाम यात्रा में आने वाले भक्तों और पर्यावरण को अग्नि से नुकसान ना हो, इसके लिए बैठक की थी.