रामगढ़:एनएचआरएम में रामगढ़ स्वास्थ्य विभाग के एक चपरासी और उसकी लैब टेक्नीशियन पत्नी द्वारा फर्जी डॉक्टर के नाम पर अपने पांच बैंक खातों में किए गए भुगतान मामले में पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने रामगढ़ डीसी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जांच कमेटी को स्वास्थ्य विभाग के 9 बैंक खातों में चार बैंक खातों का डिटेल हाथ लगा है, जिससे लगभग 3,90,00000 रुपये की अवैध निकासी हुई है. रामगढ़ डीसी ने सीआईडी से पूरे मामले की जांच कराने की अनुशंसा की है. रामगढ़ डीसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जांच रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी.
पूरे एक महीने तक चली मामले की जांच
रामगढ़ डीसी चंदन कुमार को अगस्त महीने में चिकित्सकों के नाम पर स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चपरासी अमजद हुसैन और उसकी पत्नी लैब टेक्नीशियन सरिता फर्जी चिकित्सकों के नाम पर वेतन अपने खाते में भुगतान की बात सामने आई थी. इस मामले में वर्तमान सिविल सर्जन ने चपरासी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने चपरासी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस घोटाले की जांच के लिए निवर्तमान एसडीओ के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी. करीब 1 महीने तक मामले की जांच चली और इसके बाद जांच कमेटी ने रामगढ़ डीसी को रिपोर्ट सौंप दिया.
डीसी चंदन कुमार ने बताया कि जो जांच रिपोर्ट आई है वह अभी पूर्ण नहीं है. पूरे मामले की जांच किसी बड़ी एजेंसी से करवाने की आवश्यकता है, जिसे देखते हुए सीआईडी से जांच कराने की अनुशंसा करते हुए रिपोर्ट झारखंड सरकार को भेज दी. जांच कमेटी की ओर से रिपोर्ट में लिखे गए सभी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए और समय-समय पर फर्जी तरीके से निकासी का दोषी मानते हुए बड़े पैमाने पर जांच की जरूरत है.