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रामगढ़ स्वास्थ्य विभाग में हुआ बड़ा घोटाला! डीसी ने की सीआईडी ​​जांच की अनुशंसा - Ramgarh Health Department scam

Ramgarh Health Department. रामगढ़ स्वास्थ्य विभाग में चपरासी और उसकी लैब टेक्नीशियन पत्नी के पांच खातों में पांच फर्जी डॉक्टरों के वेतन अपने खाते में भुगतान मामले में जांच कमेटी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित 9 बैक खातों में से केवल चार बैंक खातों का ब्योरा मिला है. हालांकि डीसी ने कहा कि अब तक जो भी रिपोर्ट सामने आई है, वह पूरी नहीं है, जिसे देखते हुए मामले की जांच सीआईडी ​​से कराने की अनुशंसा की गई है.

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जांच कमेटी की बैठक (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 28, 2024, 7:54 AM IST

Updated : Sep 28, 2024, 8:48 AM IST

रामगढ़:एनएचआरएम में रामगढ़ स्वास्थ्य विभाग के एक चपरासी और उसकी लैब टेक्नीशियन पत्नी द्वारा फर्जी डॉक्टर के नाम पर अपने पांच बैंक खातों में किए गए भुगतान मामले में पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने रामगढ़ डीसी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जांच कमेटी को स्वास्थ्य विभाग के 9 बैंक खातों में चार बैंक खातों का डिटेल हाथ लगा है, जिससे लगभग 3,90,00000 रुपये की अवैध निकासी हुई है. रामगढ़ डीसी ने सीआईडी से पूरे मामले की जांच कराने की अनुशंसा की है. रामगढ़ डीसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जांच रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी.

जानकारी देते रामगढ़ डीसी (ETV BHARAT)

पूरे एक महीने तक चली मामले की जांच

रामगढ़ डीसी चंदन कुमार को अगस्त महीने में चिकित्सकों के नाम पर स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चपरासी अमजद हुसैन और उसकी पत्नी लैब टेक्नीशियन सरिता फर्जी चिकित्सकों के नाम पर वेतन अपने खाते में भुगतान की बात सामने आई थी. इस मामले में वर्तमान सिविल सर्जन ने चपरासी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने चपरासी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस घोटाले की जांच के लिए निवर्तमान एसडीओ के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी. करीब 1 महीने तक मामले की जांच चली और इसके बाद जांच कमेटी ने रामगढ़ डीसी को रिपोर्ट सौंप दिया.

जांच कमेटी की बैठक (ETV BHARAT)

डीसी चंदन कुमार ने बताया कि जो जांच रिपोर्ट आई है वह अभी पूर्ण नहीं है. पूरे मामले की जांच किसी बड़ी एजेंसी से करवाने की आवश्यकता है, जिसे देखते हुए सीआईडी से जांच कराने की अनुशंसा करते हुए रिपोर्ट झारखंड सरकार को भेज दी. जांच कमेटी की ओर से रिपोर्ट में लिखे गए सभी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए और समय-समय पर फर्जी तरीके से निकासी का दोषी मानते हुए बड़े पैमाने पर जांच की जरूरत है.

रिपोर्ट में 3,90,00000 रुपये का हुआ खुलासा

रिपोर्ट के अनुसार तीन करोड़ नब्बे लाख रुपये के घोटाले की बात सामने आई है, जिसमें सर्जरी डॉक्टर के नाम पर वेतन निकासी, वाउचर से अवैध निकासी और बिना नियम फॉलो किए टेंडर निकाला गया था. डीपीएम की ओर से रजिस्टर और कैश बुक के गायब होने की बात कही जा रही है. पांच सदस्यीय कमेटी की जांच में अब तक 3,90,00000 रुपये की फर्जी निकासी के साक्ष्य मिले हैं, जिसमें वेतन मद से 2.39 करोड़ रुपये का गबन पाया गया है. फर्जी वाउचर से 55 लाख रुपये और टीडीएस के करीब 60 लाख रुपये की राशि अमजद और उसकी पत्नी के खाते में डाले जाने के साक्ष्य मिले हैं. इसके अलावा नए सदर अस्पताल में अग्निशमन उपकरण लगाने में भी 1.30 करोड़ राशि में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है.

जांच टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में दो सिविल सर्जन जिसमें पूर्व सीएस डॉ प्रभात कुमार, वर्तमान सीएस डॉ महालक्ष्मी प्रसाद, स्वास्थ्य विभाग रामगढ़ की पूर्व डिस्ट्रिक्ट एकाउंट मैनेजर हिना अग्रवाल, वर्तमान डिस्ट्रिक्ट एकाउंट मैनेजर भोला शंकर गुप्ता, वर्तमान डीपीएम देवेंद्र भूषण श्रीवास्तव, अनुसेवक (चपरासी) अमजद हुसैन और उसकी पत्नी सरिता वर्जीनिया तिर्की की संलिप्तता पाई गई है. जांच रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि डीपीसी रंजीत कुमार सिंह गलत यात्रा भत्ता लिए थे.

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Last Updated : Sep 28, 2024, 8:48 AM IST

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