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लखनऊ में पंतनगर के सैकड़ों बच्चों ने रोते हुए हाथ जोड़कर बोले; बोले- अंकल हमारे घर न तोड़ो, देख लो ये कागज - Pantagnagar children protest

लखनऊ में अकबरनगर बस्ती ध्वस्त करने के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की नजर कुकरैल नदी के एलाइनमेंट में आने वाली कई बस्तियों पर है. इनमें एक बस्ती पंतगनगर भी शामिल है. यहां रहने वाले बच्चों ने इसको लेकर रविवार को विरोध प्रदर्शन किया.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 14, 2024, 3:17 PM IST

Updated : Jul 15, 2024, 10:14 PM IST

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पंतगनगर के बच्चों का विरोध प्रदर्शन (Etv Bharat)

लखनऊ: कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अकबरनगर के बाद अब जिन बस्तियों को तोड़े जाने की तैयारी है, उनमें से एक पंतनगर भी है. पंतगनगर के सैकड़ों बच्चों ने रविवार को प्रदर्शन किया. कुछ बड़ों ने भी इन बच्चों का साथ दिया. बच्चों ने मिलकर सरकार से गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि उनके मकान की रजिस्ट्री उनके मम्मी पापा के पास है. मकान पूरी तरह से वैध हैं.

रहीनगर, खुर्रमनगर, पंतनगर, इन्द्रप्रस्थ कॉलोनी और अबरार नगर से लेकर स्कॉर्पियो क्लब तक लगभग 1000 बड़े मकान तोड़े जाएंगे. इन मकानों में से कुछ ऐसे भी हैं जिन पर करोड़ों रुपए का खर्चा आया है. कुकरैल नदी किनारे के मकानों को तोड़ने के लिए सिंचाई विभाग और एलडीए सर्वे पूरा हो गया था.

मशीनों से हो रहा सर्वे रहीम नगर, खुर्रमनगर, पंतनगर और इन्द्रप्रस्थ नगर कॉलोनी तक पूरा हो चुका था. इसके बाद अबरारनगर, कुर्सी रोड, स्कार्पियो क्लब तक सर्वे हो चुका है. लाल निशान के दायरे में स्कॉर्पियो क्लब का भी कुछ हिस्सा है. लेकिन, इसके अंदर की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि कुकरैल नदी के दोनों तरफ 50-50 मीटर दायरे में आने वाले मकान चिन्हित किए गए हैं.

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सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि हमारा सर्वे पूरा हो चुका है. लेकिन, मकान की कुल संख्या बताने से उन्होंने इनकार किया. उन्होंने बताया कि हमारा काम नदी से 50 मीटर की दूरी तक मकान को चिन्हित करने का था. उनकी संख्या गिनने का नहीं. मगर सूत्रों की मानें, तो लगभग 1000 मकान यहां होने की संभावना है

इन बच्चों और महिलाओं की ओर से शिल्पी ने बताया कि हम इस प्रकरण को लेकर अदालत में भी जाएंगे. लेकिन पहले लखनऊ विकास प्राधिकरण हमको नोटिस तो दे. ग्रीन बेल्ट को बाटकर हमारे मकान पर लाल निशान लगाए गए हैं. उसका शासकीय आदेश तो हमें दिया जाए. हमारे साथ यह बच्चे भी परेशान हैं.

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Last Updated : Jul 15, 2024, 10:14 PM IST

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