कोंडागांव में भारी बारिश से नदी नाले उफान पर, जान जोखिम में डाल स्कूल पहुंच रहे नौनिहाल - Children crossing river Kondagaon - CHILDREN CROSSING RIVER KONDAGAON
कोंडागांव में भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. इस बीच बच्चे नदी पार कर स्कूल पहुंच रहे हैं. गांव के बुजुर्गों को भी अपने काम के लिए नदी पार करना पड़ रहा है.
जान जोखिम में डाल स्कूल पहुंच रहे नौनिहाल (ETV Bharat)
कोंडागांव में भारी बारिश से नदी नाले उफान पर (ETV Bharat)
कोंडागांव: जिले के नारायणपुर क्षेत्र में विकास के दावे फेल नजर आ रहे हैं. यहां बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. इस बीच उफनती नदियों को पार कर बच्चे स्कूल जाने को मजबूर हैं. बच्चे, ग्राम पंचायत तोतर के बुडरा पारा और चिखलापरा के बीच बहते नाले को पार कर स्कूल पहुंच रहे हैं.
नदी पार कर स्कूल पहुंच रहे बच्चे:दरअसल, कोंडागांव जिले के नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत तोतर की तस्वीरें विकास के दावों की पोल खोल रही हैं. इस क्षेत्र के कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने चुनाव जीतकर मंत्री पद हासिल किया, लेकिन यहां के बच्चे आज भी उफनती नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं. ग्राम पंचायत तोतर, जिला मुख्यालय कोंडागांव से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसके बावजूद गांव से विकास कोसो दूर है.
बारिश में बह रहे विकास के दावे: क्षेत्र में बारिश के कारण हर जगह हाहाकार मचा हुआ है. चाहे नगरीय निकाय हो या ग्राम पंचायत, हर क्षेत्र में बारिश ने जिला प्रशासन के विकास के दावों को धुला दिया है. स्वास्थ्य विभाग हो या शिक्षा विभाग, जल संसाधन हो या जिला सड़क योजना, हर जगह विकास के दावे बारिश में बहते नजर आ रहे हैं.
प्रशासन की उदासीनता के कारण बच्चों और बुजुर्गों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उफनती नदी पार करते बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति दिल दहला देने वाली है. प्रशासन की अनदेखी के चलते ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर बुनियादी सुविधाएं हासिल करनी पड़ रही है. जिला प्रशासन जिले के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का दावा करता है, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां के बच्चे आज भी उफनती नदियों को पार कर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं.-संतराम नेताम, सरपंच, तोतर गांव
प्रशासन की उदासीनता का शिकार हो रहे गांव वाले:ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची और तोतर के सरपंच और ग्रामीणों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि यहां लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां के बच्चे और बुजुर्गों को उफनती नदी पार करना पड़ रहा है. गांव के लोग प्रशासन की उदासीनता का शिकार हो रहे हैं. भले ही जिला प्रशासन अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का वादा कर रही हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है.