छिंदवाड़ा: एक ऐसी आदिवासी महिला जिसने कभी नई दिल्ली जाने का सपना भी नहीं देखा, लेकिन अब वह गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य समारोह की विशेष मेहमान बनकर दिल्ली पहुंच रही है. दरअसल, दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन से निमंत्रण आया है. जानिए कौन है वह आदिवासी महिला, उन्होंने ऐसा क्या काम किया है, जिसके लिए उन्हें दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा.
20 सालों से जंगली जानवरों के बीच कर रही काम
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंहने बताया, "दिल्ली के कर्तव्य पथ में आयोजित होने वाले 76 वें गणतंत्र दिवस समारोह में केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा विशेष अतिथि के तौर पर पेंच टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश से 48 वर्षीय झुन्नीबाई उईके को विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है. झुन्नीबाई उईके करीब 20 साल से पेंच टाइगर रिजर्व कोर एरिया में चौकीदारी का काम करती हैं. इस दौरान उनका कई बार जंगली जानवरों से सामना भी हुआ है, लेकिन वे कर्तव्य पथ से कभी पीछे नहीं हटीं."
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए दिल्ली रवाना (ETV Bharat) कोर एरिया में काम करने वाली एकमात्र महिला
आदिवासी महिला झुन्नी बाई छिन्दवाड़ा जिले के एक अत्यंत दूरस्थ ग्राम पुलपुलडोह की रहने वाली हैं और आदिवासी गोंड समुदाय से आती हैं. पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि "वे विगत 2 दशकों से भी अधिक समय से टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है. पेंच टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में इतनी लंबी अवधि से काम करने वाली वह एक मात्र महिला हैं. झुन्नीबाई पुरुष साथी वन कर्मियों के साथ कंधा से कंधा मिला कर वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण में अत्यंत साहसिक ढंग से अपना योगदान दे रही हैं."
20 सालों से पेंच टाइगर रिजर्व में कर रही काम (ETV Bharat) गणतंत्र दिवस समारोह के लिए दिल्ली रवाना
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि "गणतंत्र दिवस के समारोह में शामिल होने के लिए झुन्नी बाई वन विभाग के अधिकारियों के साथ दिल्ली के लिए ट्रेन से रवाना हो गई हैं. हालांकि, आदिवासी इलाके में रहने की वाली झुन्नी बाई अपने साथ ना तो मोबाइल रखती हैं और ना ही किसी तरह की डिजिटल उपकरणों का उपयोग करती हैं. सामान्य सा जीवन जीने वाली झुन्नी बाई के लिए गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होना किसी सपने से कम नहीं है."