छिंदवाड़ा:सत्ता में बैठे लोग शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं. लेकिन शिक्षा व्यवस्था की हालात क्या है यह आज हम आपको दिखाएंगे. शिक्षा व्यवस्था की ऐसी तस्वीर देख आप चौंक जाएंगे. झमाझम हो रही बारिश के बीच स्कूल की टपकती छत के बीच बच्चों की पढ़ाई किसी भी तरीके से पूरी हो सके इसलिए मास्साब जी पॉलिथीन का जुगाड़ कर बच्चों का भविष्य संवारने का प्रयास कर रहे हैं. मामला आदिवासी अंचल तामिया के बिजौरी पठार स्कूल का है.
सालों से स्कूल के ऐसे हालात, गुहार की नहीं सुनवाई
स्कूल के शिक्षक राजेंद्र परतेती ने बताया कि, ''करीब 6-7 साल से स्कूल इसी जर्जर स्थिति में है. जब बरसात शुरू होती है कमरों में पानी रिसना शुरू हो जाता है. उन्होंने इसको लेकर ग्राम पंचायत से लेकर अपने विभाग में कई बार आवेदन दिया लेकिन किसी ने स्कूल के हालात सुधरने की तरफ ध्यान ही नहीं दिया. हालत तो ऐसे होते हैं कि जिस दिन बारिश होती है उस दिन बच्चों की छुट्टी करना पड़ता है, क्योंकि बिल्डिंग कब धराशाई हो जाए इसका भरोसा नहीं.''
डर के साए में पढ़ते हैं बच्चे, पानी खाली करने में गुजर जाता है दिन
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि, ''बरसात के मौसम में हमेशा डर लगा रहता है कि कभी भी उनका स्कूल गिर सकता है. लेकिन पढ़ाई पूरी करने के लिए मजबूरी में वे स्कूल आते हैं. बरसात के दिनों में तो कई बार ऐसे मौके आते हैं कि उनका पूरा दिन स्कूल के कमरों में भरा पानी निकालने में गुजर जाता है. स्कूल में कई बार अधिकारी आते हैं उनसे लेकर ग्राम पंचायत के सरपंच और नेताओं को भी स्कूल के बच्चों ने स्कूल के हालात सुधारने के लिए आवेदन दिया है. लेकिन उनकी बात कोई नहीं सुनता सिर्फ उन्हें आश्वासन दिया जाता है.''
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