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छिंदवाड़ा में रहस्मयी आदमखोर बाघ, कैमरे भी फेल और सर्चिंग भी, आखिर छिपा कहां है? - CHHINDWARA VILLAGES TIGER TERROR

छिंदवाड़ा जिले के ग्रामीण इलाकों में आदमखोर बाघ की दहशत, वन विभाग की टीमें सर्चिंग में जुटी, लेकिन कहीं सुराग नहीं.

Chhindwara villages tiger terror
छिंदवाड़ा में रहस्मयी आदमखोर बाघ (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 17, 2025, 10:23 AM IST

छिंदवाड़ा :छिंदवाड़ा जिले में खेत में काम कर रहे एक किसान को बाघ ने अपना शिकार बना लिया. किसान की मौत के बाद गांवों में दहशत है. ग्रामीणों ने खेतों में जाना बंदकर दिया है. खेतों में खड़ी फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं. गांवों में शाम होते ही लोग के घरों के दरवाजे-खिड़की बंद कर कैद हो जाते हैं. बता दें कि बिछुआ के घोराड में खेत में काम कर रहे किसान पर मंगलवार को बाघ ने हमला कर दिया था. उसकी मौत हो गई. ये घटना भरी दोपहरी में हुई.

किसान पर हमला, सौ मीटर दूर तक घसीटा शव

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पिलकापार निवासी किसान गुलाब बरकड़े मंगलवार दोपहर में जंगल से लगे खेत में काम कर रहा था. इसी दौरान बाघ ने किसान पर हमला कर दिया. किसान का शव तकरीबन सौ मीटर दूर मिला. यहां तक बाघ किसान के शव को घसीटकर ले गया. इस घटना के बाद पूरा गांव दहशत में है. अब वन विभाग के अधिकारी मुआवजा और गश्ती की बात कर रहे हैं, लेकिन गांव के हालात डरावने हैं. यहां शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता है. ग्रामीणों ने खेतों में जाना बंद कर दिया है. किसानों को चिंता सता रही है कि खेतों में पानी नहीं देने गए तो फसल खराब हो जाएगी.

छिंदवाड़ा जिले के ग्रामीण इलाकों में आदमखोर बाघ की दहशत (ETV BHARAT)

वन विभाग ने किया ग्रामीणों को अलर्ट, अकेले न जाएं खेतों पर

ग्रामीण आकिब फारुकी का कहना है "घटनास्थल पार करके ही मुझे अपने खेत में जाना है. बाघ की दहशत के कारण यहां तक जाना मुश्किल है. ऐसे में अब चिंता है कि खेतों में गेहूं की फसल लगी है, जिसकी सिंचाई करना जरूरी है लेकिन बाघ की दहशत के बीच अब फसल बचाने की चिंता है." इस मामले में फॉरेस्ट रेंजर दीपक तिरपुड़ेने बताया "घटनास्थल महाराष्ट्र के पेच नेशनल पार्क से लगा हुआ है. इस क्षेत्र में बाघ की मूवमेंट बनी रहती है. विभाग का अमला ग्रामीणों को सतर्क रहने और खेत में अकले नहीं जाने की सलाह दे रहा है."

किसानों ने की मांग- ड्रोन से हो बाघ की तलाश

बिछुआ विकासखंड में कन्हान वन परिक्षेत्र के घोराड में बाघ के हमले से किसान की मौत के बाद बाघ दोबारा घटनास्थल या उसके आसपास दिखाई नहीं दिया. वन विभाग के अमले ने तीन गांवों में सर्चिग की. इस दौरान ग्रामीणों ने मांग रखी कि बाघ की ड्रोन से सर्चिग की जाए. वन विभाग की टीम ने सवरनी व सोनपुर सर्किल के वन कर्मियों ने चंद्रीकपुर, आमटी होते हुए घोराड तक 20 किमी क्षेत्र में दिन में सर्चिग की. इसके अलावा गांव के आसपास रात में भी सर्चिग जारी है.

पेंच नेशनल पार्क से लगा है इलाका, इसलिए बाघ की मूवमेंट

बिछुआ मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर ग्राम पिलकापार है. इसकी ग्राम पंचायत चंद्रिकापुर है. गांव की आबादी 300 के आसपास है. घटनास्थल महाराष्ट्र के पेंच नेशनल पार्क से लगा हुआ है. ग्रामीणों के अनुसार कुछ दिन पहले भी बाघ ने एक व्यक्ति को घायल किया था. 3 दिन पहले पेंच टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में खमारपानी परिक्षेत्र के अंतर्गत कोकीवाड़ा बीट कक्ष क्रमांक 1495 वन क्षेत्र में मवेशी चराने के दौरान चरवाहा बुद्धिमान पर सुर्रेवानी में बाघ द्वारा हमला कर घायल किया गया था. चरवाहे के हाथ में एक लाठी थी, इससे उसने बाघ को पीछे धक्का दिया और जोर से चिल्लाया. पास में ही साथी द्वारा भी शोर मचाया गया तो बाघ भाग गया.

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