छिंदवाड़ा। पहले चरण में हुए लोकसभा चुनाव में सबसे चर्चित छिंदवाड़ा सीट रही. मतदान के बाद अब यहां पर एक बार फिर से आदिवासी वोट बैंक के भरोसे दोनों पार्टियों जीत का दंभ भर रही हैं क्योंकि आदिवासी क्षेत्रों में ही बंपर वोटिंग हुई है. शहरी इलाकों में वोट परसेंटेज घटा है.
2019 में आदिवासियों ने कांग्रेस का दिया था साथ
2019 के लोकसभा परिणाम में अमरवाड़ा विधानसभा, जुन्नारदेव विधानसभा और पांढुर्णा विधानसभा से कांग्रेस को जीत मिली थी. जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में आदिवासी नेता नत्थनशाह कवरेती को मैदान में उतारा था. इसके बाद भी आदिवासियों ने कांग्रेस का साथ दिया था. एक बार फिर कांग्रेस इन्हीं विधानसभाओं के भरोसे जीत का दंभ भर रही है. भारतीय जनता पार्टी इन इलाकों में केंद्र सरकार की योजनाओं और मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने के कारण भाजपा के पक्ष में जाने की बात कर रही है.
पिछले चुनाव के मुकाबले ढाई प्रतिशत कम मतदान
2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार के लोकसभा चुनाव में करीब ढाई फीसदी कम मतदान हुआ है लेकिन इसके बाद भी ग्रामीण और आदिवासी इलाकों के मतदाताओं ने बंपर वोट किया है. छिंदवाड़ा विधानसभा सहित दूसरी विधानसभाओं में शहरी मतदाताओं का वोट परसेंटेज कम रहा है. यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ग्रामीण और आदिवासियों ने तो अपने मताधिकार का उपयोग किया लेकिन जो शहरी मतदाता है वह घरों से कम बाहर निकले.