छिंदवाड़ा: पेड़-पौधों से ऐसा लगाव शायद आप लोगों ने बहुत कम देखा होगा. कई संस्थाएं पौधरोपण कर अपना काम पूरा समझ लेती हैं. इन पौधों की देखभाल नहीं की जाती. लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो पौधे लगाने के बाद इनकी देखभाल अपने बच्चों की भांति करते हैं. छिंदवाड़ा की एक संस्था हर संडे को पौधरोपण और इनके संरक्षण के नाम समर्पित कर रही है. बीते 8 साल से छिंदवाड़ा की कदम संस्था के लोग पौधरोपण कर रहे हैं.
लगातार 8 साल से हर संडे को निरंतर पौधरोपण
कदम संस्था के सदस्य हर संडे को पौधरोपण करते हैं. खास बात यह है कि पौधरोपण करने के बाद लगातार इन पौधों की देखरेख भी संस्था के सदस्यों द्वारा की जाती है. इसके लिए सभी को अलग-अलग दिनों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. कदम संस्था के सदस्य हर रविवार को पौधरोपण करते हैं. इस रविवार को 404 वां रविवार था. इस दिन भी पौधे लगाए. इस संडे को यानी 02 फरवरी को कदम संस्था ने पौधारोपण के साथ ही बीजारोपण कार्यक्रम होमगार्ड परिसर छिंदवाड़ा में किया.
छिंदवाड़ा की कदम संस्था का पौधरोपण अभियान (ETV BHARAT) बीजों से उगाते हैं पौधे, फिर करते हैं सम्मानित
बड़ी बात ये है कि संस्था द्वारा लगाए गए 404 पौधे आज भी जीवित हैं और बड़े हो रहे हैं. कदम संस्था प्रति सप्ताह एक नया पौधा लगाती है और पुराने पौधों का जन्मदिन भी मनाती है. हाल ही में कदम संस्था ने डीपीके पब्लिक स्कूल गुरैया के बच्चों को उत्तम क्वालिटी के बीज दिए थे. इन बीजों से बच्चों ने पौधे उगाए. संस्था ने इन बच्चों को सम्मानित किया. दरअसल, कदम संस्था के सदस्य सिर्फ पौधारोपण ही नहीं करते बल्कि लोगों को बीज वितरण करते हैं. पौधों को अंकुरित करने के साथ उसे पेड़ में परिवर्तित करवाने का जिम्मा भी देती है. कोई संस्था या स्कूल ऐसा करते हैं तो उन्हें सम्मानित भी किया जाता है.
छिंदवाड़ा की कदम संस्था 8 साल से कर रही पौधरोपण (ETV BHARAT) लगातार 8 साल से हर संडे को निरंतर पौधरोपण (ETV BHARAT) ऐसे हुई पौधरोपरण व संरक्षण की शुरुआत
कदम संस्था की सदस्य वैशाली मटकरने बताया "21 मई 2017 को इसकी शुरूआत हुई. जहां संस्था में 5 सदस्य वैशाली मटकर, संजय मटकर, मानसी, अनीता श्रीवास्तव, वीरेन्द्र श्रीवास्तव ने हर रविवार पौधरोपण करने का जिम्मा उठाया. जबलपुर की संस्था से प्रेरित होकर यह काम किया है. अब कदम संस्था में 150 से ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं." पौधों की देखरेख के लिए विशेष तौर पर गर्मी में संस्था एक-एक सदस्य को जिम्मेदारी देती है और उन पौधों का संस्था के सदस्य निरीक्षण भी करते हैं.