कोरबा : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव बुधवार को कोरबा के दौरे पर रहे. इस दौरान अरुण साव ने जिला अधिकारियों की मैराथन बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में ली. जिसके बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव जिला पुनर्वास समिति की बैठक में शामिल हुए.
जिला पुनर्वास समिति की हुई बैठक : कोयला खदानों से घिरे कोरबा जिले में जिला पुनर्वास समिति की बैठक पिछली बार साल 2017 में हुई थी. 7 साल बाद बुधवार को भू विस्थापितों की समस्याओं के समाधान और पुनर्वास से जुड़ी समस्याओं के लिए बैठक हुई. रात के लगभग 8 बजे तक यह बैठक चली, जिसमें अरुण साव ने समस्याओं के समाधान की बात कही. साथ ही यह भी कहा कि सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है.
वन नेशन वन इलेक्शन पर बड़ा बयान (ETV BHARAT)
हमारी मंशा है कि भू विस्थापितों और पुनर्वास की समस्याओं का निराकरण हो. इसलिए हमने आज यह बैठक की है. हमने अधिकारियों को कहा है कि जितना जल्दी हो सके समस्याओं का निराकरण करें और अगली बैठक से पहले सारे मामलों को निराकृत करने की कोशिश करें. पीएसयू को भी हमने कहा है कि उनका जो सीएसआर का फंड है. उससे प्रोविजन के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में काम किया जाए और विकास के कार्यों में फंड का इस्तेमाल किया जाए. : अरुण साव, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले अरुण साव : वन नेशन वन इलेक्शन के लिए क्या छत्तीसगढ़ मॉडल बनेगा? इस सवाल के जवाब में अरुण साव ने कहा कि निश्चित तौर पर हम यह करना चाहते हैं. इसके लिए हमने कमेटी का गठन किया था. कमेटी के रिपोर्ट भी आ चुकी है. कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार विचार कर रही है. हम कोशिश कर रहे हैं कि पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव एक साथ कराए जाएं.
काफी विस्तार से सरकारी योजनाओं की समीक्षा की गई है. अधिकारियों को समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य करने को कहा गया है. वन नेशन वन इलेक्शन की इस दिशा में विचार किया जा रहा है. : अरुण साव, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
"दीपक बैज करें कांग्रेस पार्टी की चिंता":आईएएस के ट्रांसफर सूची पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि अधिकारियों के ट्रांसफर से अच्छा होता कि गृह मंत्री को हटाया जाता. इस बयान पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम साव ने कहा कि दीपक बैज कांग्रेस पार्टी को चला नहीं पा रहे हैं. वह कांग्रेस पार्टी की चिंता करें. हमारे सरकार में जो ट्रांसफर होते हैं, वह प्रशासनिक आधार पर होते हैं. यह तय करने का काम सरकार का है कि किस अधिकारी की उपयोगिता कहां है. किसकी सेवा कहां ली जाए, यह निर्णय सरकार का है.