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छत्तीसगढ़ राज्योत्सव: 24 साल के छत्तीसगढ़ में 8 साल कांग्रेस रही सत्ता पर काबिज, 16 साल भोगा वनवास - CHHATTISGARH RAJYOTSAVA

जानने की कोशिश करते हैं कि छत्तीसगढ़ के 24 साल में कांग्रेस की क्या स्थिति रही.

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छत्तीसगढ़ राज्योत्सव (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 30, 2024, 12:54 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ 1 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनाने जा रहा है. छत्तीसगढ़ की स्थापना एक नंबर 2000 में हुई थी और इस दिन वह 24 साल का हो जाएगा. इन 24 साल में जो कांग्रेस छत्तीसगढ़ निर्माण के समय सत्ता पर काबिज थी, वह निर्माण के बाद अपनी सत्ता बचाने में नाकाम रही. एक के बाद एक तीन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. लगातार 15 सालों तक कांग्रेस सत्ता के बाहर थी. हालांकि 2018 में कांग्रेस दोबारा सत्ता पर काबिज हुई, लेकिन 2023 हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने अपनी सत्ता खो दी. आइये

मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद 1 नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया. उस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद साल 2003 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और वह विपक्ष में बैठी.

24 साल के छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति (ETV Bharat Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष:छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की बात की जाए तो साल 2006 से लेकर साल 2008 तक चरणदास महंत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष थे. वही 2008 से लेकर 2011 के बीच धनेंद्र साहू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद अप्रैल 2011 से लेकर 25 मई 2013 तक नंदकुमार पटेल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष थे. 2013 में हुए नक्सली हमले में नंदकुमार पटेल की मौत हो गई. उसके बाद 2013 में पार्टी ने चरण दास महंत को दोबारा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया. जो 2014 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे.

भूपेश बघेल (ETV Bharat Chhattisgarh)

इसके बाद दिसंबर 2014 से लेकर जून 2019 तक भूपेश बघेल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे. उनके ही कार्यकाल में साल 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक तरफा जीत हासिल की और सरकार बनाई. इसके बाद 28 जून 2019 से लेकर 12 जुलाई 2023 तक मोहन मरकाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष थे. इसके बाद 12 जुलाई 2023 से लेकर अब तक दीपक बैज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष है.

साल 2018 में कांग्रेस को 65 सीटें:वही विधानसभा सीट की बात की जाए तो कांग्रेस को राज्य बनने के बाद से लेकर हुए अब तक चुनाव में अच्छी सीट हासिल हुई है. लेकिन सरकार बनाने में कांग्रेस नाकाम रही. राज्य बनने के बाद साल 2003 हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 90 में से 37 सीट हाथ लगी थी. साल 2018 हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 38 सीट हासिल हुई थी. 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने 39 सीट पर जीत हासिल की.

छत्तीसगढ़ विधानसभा (ETV Bharat Chhattisgarh)

हालांकि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक तरफ जीत हासिल करते हुए 65 सीटों पर जीत हासिल की और सरकार बनाया. उस दौरान भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बनाए गए. यह कार्यकाल भी भूपेश बघेल का था. वह बतौर प्रदेश अध्यक्ष इस चुनाव में नेतृत्व कर रहे थे. हालांकि इसके बाद 2023 में विधानसभा चुनाव में सीट का आंकड़ा लगभग आधा हो गया और 35 सीटों पर कांग्रेस ने सिमट गई.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति पर जानकार की राय:छत्तीसगढ़ में 24 साल कांग्रेस के सफरनामा को लेकर राजनीति के जानकारी और वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से कांग्रेस का गढ़ रहा और राज्य बनने के बाद भी कांग्रेस अच्छी स्थिति में है. वोट परसेंटेज की बात की जाए तो वोट परसेंटेज भी चुनाव में कांग्रेस को अच्छे मिलते रहे. यह अलग बात है कि कांग्रेस सत्ता पर काबिज होने में लंबे समय तक कामयाब नहीं हो सकी. लेकिन वोट परसेंट में किसी तरह की कोई ज्यादा कमी कांग्रेस में देखने को नहीं मिली. 2013 की बात करें तो विधानसभा चुनाव मात्र कुछ परसेंट का ही अंतर था. हालांकि साल 2018 के विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो उस समय लगभग 10% वोट प्रतिशत का अंतर था. इस चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा वोट बैंक हासिल किया था.

24 साल के छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति (ETV Bharat Chhattisgarh)

24 साल के छत्तीसगढ़ में 8 साल कांग्रेस सत्ता में:उचित शर्मा ने कहा कि सत्ता पर काबिज होने की बात की जाए तो 24 साल के छत्तीसगढ़ में 8 साल कांग्रेस सरकार में रही है. 16 साल कांग्रेस विपक्ष में बैठी है. हालांकि इस दौरान केंद्र की बात की जाए तो वहां से उलट सरकार देखने को मिली है. जब केंद्र में भाजपा की सरकार थी तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी और जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई, तो छत्तीसगढ़ में भाजपा सत्ता पर काबिज रही. यह थोड़ा उलटफेर जरूर इन 24 सालों में देखने को मिला है.

उचित शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पॉलिटिकल स्थिरता बनी रही. जब छत्तीसगढ़ बना था उस दौरान के दूसरे राज्यों की बात की जाए उत्तराखंड और झारखंड भी बना था लेकिन छत्तीसगढ़ में राजनीतिक स्थिरता बनी रही. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक स्थिरता को कायम रखा है. भले सरकार उनकी बदलती रही हो.

भूपेश बघेल सबसे ज्यादा सफल अध्यक्ष: 24 साल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल को लेकर उचित शर्मा ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सबसे ज्यादा सफल भूपेश बघेल रहे. उनके अध्यक्ष काल में कांग्रेस छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज हुई है. अध्यक्ष की सफलता को इसी सफलता से आंका जा सकता है. हालांकि 2013 में नंदकुमार पटेल ने भी अच्छा काम किया था लेकिन झीरम नक्सली हमले में उनकी मौत हो गई. उसके बाद फिर भूपेश बघेल ने पार्टी को आगे बढ़ाया. भले ही 2013 के चुनाव में कांग्रेस नहीं जीत सकी, लेकिन 2018 में छत्तीसगढ़ की सत्ता पर कांग्रेस काबिज हुई और ऐसा भी नहीं रहा कि कांग्रेस महज चंद सीटों से जीत कर सत्ता पर काबिज हुई. एक लंबा अंतर विपक्ष और सत्ता पक्ष की सीटों में था.

साल 2018 में कांग्रेस ने मारी बाजी (ETV Bharat Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस मजबूत स्थिति में: उचित शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस का गढ़ रहा है. कांग्रेस कभी भी वोट और सीट से कभी कमजोर नहीं रही है. 2013 से लेकर 2018 के बीच में यदि सबसे सशक्त विपक्ष की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सशक्त रही है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस लगातार मजबूत स्थिति में रही है. यह अलग बात है की वह सरकार बना पाई या नहीं बना पाई, लेकिन उसकी स्थिति मजबूत है. कभी ऐसा देखने को नहीं मिला कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में 10- 12 सीटों पर सिमट गई हो.

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