अबूझमाड़ में वोटिंग को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस का जागरूकता अभियान - bastar Lok Sabha election
अबूझमाड़ में मतदान प्रतिशत बढ़ाने सुरक्षा बल के जवान आदिवासियों को जागरूक कर रहे हैं. धुर नक्सल प्रभावित मसपुर और दोंडरीबेड़ा में पुलिस कैंप बनाए जाने के बाद ग्रामीण भी बस्तर लोकसभा चुनाव में वोट डालने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं.
नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में स्थित अबूझमाड़ में मतदान प्रतिशत बढ़ाने यहां तैनात सुरक्षा बलों के जवान ग्रामीणों का आत्मविश्वास बढ़ा रहे हैं और उन्हें लोकतंत्र के बड़े उत्सव में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
अबूझमाड़ में वोट डालने पुलिस का जागरूकता अभियान:लगभग 40000 लोगों की आबादी वाला अबूझमाड़ नारायणपुर के अंतर्गत आता है. अबूझमाड़ में 200 गांव शामिल हैं. इसका 90 प्रतिशत क्षेत्र घने जंगलों के कारण अब भी सर्वेक्षण से बाहर है. लेकिन नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र के मसपुर और दोंडरीबेड़ा में पुलिस कैंप बनाए गए हैं. बस्तर लोकसभा चुनाव को देखते हुए स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान अबूझमाड़ के ग्रामीणों को मतदान के लिए जागरूक कर रहे हैं.
नारायणपुर पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने कहा कि "ग्रामीण खुले तौर पर कह रहे हैं कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. ग्रामीण खुश है क्योंकि अब उन्हें सुविधाएं मिल रही है. गांव में डॉक्टर आ रहे हैं. कई विकास कार्य किए जा रहे हैं. इसलिए यहां के आदिवासियों ने चुनाव में वोट डालने की इच्छा जाहिर की है. 15 से 18 गांव अब स्वतंत्र महसूस कर रहे हैं. उम्मीद है कि इससे अबूझमाड़ में वोट प्रतिशत बढ़ेगा."
एसपी ने आगे बताया जवानों से बातचीत में मसपुर के ग्रामीणों ने अपनी जरूरतों, बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ वोट देने की इच्छा के बारे में बात की. नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के गांवों में पेयजल, बिजली आपूर्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, सड़क संपर्क जैसी बुनियादी जरूरतों का अभाव होने के बारे में भी ग्रामीणों ने बताया. ग्रामीणों के अनुसार पुलिस कैंप की स्थापना के बाद अब उन्हें एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध हो गई है. बीमार होने पर सुरक्षाकर्मी उन्हें दवा भी उपलब्ध कराते हैं. कैंप की स्थापना के बाद रोड भी बनने लगे हैं. पहले रोड नहीं होने से मरीजों को अस्पताल तक ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
अबूझमाड़ में मतदान की ये हैं तैयारी: चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं.नक्सली घटनाओं के इतिहास के अनुसार मतदान केंद्रों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील के रूप में बांटा गया है. शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए 45 कंपनियों की तैनाती की गई है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पड़ने वाले 36 बूथों को सड़क के पास स्थापित किया गया है.
बस्तर में 19 अप्रैल को मतदान:लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को बस्तर में मतदान होना है. आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. इसके बाद प्रत्याशी डोर टू डोर कैंपेन कर सकेंगे. 4 जून को मतगणना होगी.