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कोरबा में भू विस्थापितों ने किया कुसमुंडा मुख्यालय में तालाबंदी, प्रबंधन के आश्वासन पर खत्म किया आंदोलन - Kusmunda land displaced protest

कोरबा में भू विस्थापितों ने कुसमुंडा मुख्यालय में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया. काफी देर के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रबंधन ने भू विस्थापितों को आश्वासन दिया. इसके बाद आंदोलन को खत्म किया गया.

Chhattisgarh Kisan Sabha Movement
कुसमुंडा मुख्यालय में तालाबंदी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 11, 2024, 8:19 PM IST

कोरबा में भू विस्थापितों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

कोरबा: कुसमुंडा में छत्तीसगढ़ किसान सभा और रोजगार एकता संघ ने आंदोलन किया है. एसईसीएल के खदानों से प्रभावित भू विस्थापित किसानों की लंबित रोजगार प्रकरणों के तुरंत निराकरण की मांग को लेकर महाप्रबंधक कार्यालय में तालाबंदी आंदोलन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने कुसमुंडा जीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. आंदोलन में शामिल किसानों और मजदूरों ने बताया कि एसईसीएल की खदानों के कारण उन्हें अपनी जमीन से विस्थापित होना पड़ा है, लेकिन अभी तक उन्हें रोजगार नहीं मिला है. बुधवार को यह आंदोलन सुबह से लेकर दोपहर तक चला.

आंदोलन और मांग करते-करते थक गए:आंदोलन के दौरान किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा, "भू विस्थापित रोजगार के लंबित प्रकरणों का निराकरण की मांग करते हुए थक गए हैं. अब अपने अधिकार को छीन कर लेंगे. विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दिए गए. विस्थापित परिवारों की जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है.40-50 साल पहले कोयला उत्खनन करने के लिए किसानों की हजारों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था."

"कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने की किसी सरकार और खुद एसईसीएल के पास समय ही नहीं है. विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है.खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया.जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है. सरकार ने जमीन लेकर किसानों की जिंदगी के एक हिस्से को छीन लिया है. भू विस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है." -प्रशांत झा, प्रदेश संयुक्त सचिव, किसान सभा

लिखित आश्वासन के बाद खत्म हुआ आंदोलन:आंदोलन से अधिकारियों को कार्यालय जाने तक में समस्या हो रही थी. अधिकारियों ने भू विस्थापितों की मांगों पर विचार करते हुए 14 सितंबर को उच्च स्तरीय बैठक का लिखित आश्वासन दिया, जिसके बाद आंदोलन समाप्त किया गया. वहीं, भूमि विस्थापितों को आगामी 14 सितंबर की बैठक को लेकर काफी उम्मीदें हैं.

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