आंध्रप्रदेश के राजमुंदरी जेल में बंद बस्तर के पत्रकारों से मिला कांग्रेस जांच दल, कहा- बड़ी साजिश, दोषियों पर हो कार्रवाई - Bastar journalists in AP jail
Bastar journalists बस्तर के पत्रकारों को गांज तस्करी के आरोप में आंध्रप्रदेश के राजमेंदरी जेल में बंद किया गया है. कांग्रेस ने इस मामले में जांच दल का गठन किया है. पूर्व मंत्री मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेस जांच दल जेल में बंद पत्रकारों से मिला और इस घटना को बड़ी साजिश बताया. Congress investigation team in Rajahmundry jail
Rajahmundry jail में बंद बस्तर के पत्रकारों से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता (ETV Bharat Chhattisgarh)
कोंडागांव:आंध्रप्रदेश के राजमुंदरी जेल में बंद बस्तर के पत्रकारों से मिलने कांग्रेस नेता पहुंचे. कांग्रेस नेताओं ने जेल में बंद पत्रकारों से मुलाकात की और हर हालत में उनका साथ देने और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया.
राजमुंदरी जेल में कांग्रेस जांच दल: बस्तर में पत्रकारों को कथित रूप से गांजा तस्करी के आरोप में फंसाने के मामले में कांग्रेस ने जांच दल का गठन किया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री मोहन मरकाम के नेतृत्व में 6 सदस्यीय जांच दल गठित की गई है. इस जांच दल में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, विधायक विक्रम मंडावी भी शामिल है. सोमवार को कांग्रेस नेता आंध्रप्रदेश के राजमेंदरी जेल पहुंचे और जेल में बंद पत्रकारों से मुलाकात की. कांग्रेस नेताओं ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कारर्वाई की मांग की.कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार पत्रकारों को डराने धमकाने और उनकी आवाज दबाने के लिए ऐसा कर रही है.
बस्तर के पत्रकारों से मिलने पहुंचा कांग्रेस जांच दल (ETV Bharat Chhattisgarh)
मोहन मरकाम ने की जांच की मांग: पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने कहा-"बस्तर में पत्रकारों पर कार्रवाई करने वाला टीआई जेल में है. पत्रकारों को खाना खाने के लिए आंध्रप्रदेश के ढाबा भेजा गया और आंध्र पुलिस को सूचना दी गई कि आपके क्षेत्र में गांजा पकड़ा गया, जिसके बाद आंध्र पुलिस ने पत्रकारों को जेल में डाल दिया. ये बड़ी साजिश है. जांच की मांग करते हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं. "
Rajahmundry jail में बंद बस्तर के पत्रकारों से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता (ETV Bharat Chhattisgarh)
बस्तर के पत्रकारों पर कथित आरोप: 11 अगस्त को बस्तर के चार पत्रकारों बप्पी राय, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह और निशु त्रिवेदी को पुलिस ने आंध्र प्रदेश के चिंतूर से गिरफ्तार किया. उनकी गाड़ियों से कथित तौर पर गांजा बरामद किया गया था. जिसके बाद इन चारों पत्रकारों सहित छह लोगों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. इस कार्रवाई के बाद बस्तर के पत्रकारों ने आरोप लगाया कि सुकमा पुलिस ने रेत माफिया के साथ मिलीभगत करके गाड़ी में गांजा रखवाया और जर्नलिस्ट को फंसाया. इस मामले में सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने र कोंटा थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) अजय सोनकर को गिरफ्तार किया. उन्हें बिना किसी अधिकार के लॉज में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जब्त करने के आरोप में कार्रवाई की गई.