छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव, प्रकृति को बचाने के लिए सेमिनार
Climate Change Conclave छत्तीसगढ़ में जलवायु परिवर्तन रोकने और प्रकृति को बचाने के लिए सेमिनार का आयोजन हुआ. छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव में सीएम विष्णुदेव साय समेत पद्मश्री सम्मानित नागरिक भी शामिल हुए.सभी ने मिलकर प्रकृति को बचाने का संकल्प लिया.
रायपुर :मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वनमंत्री केदार कश्यप दो दिवसीय छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024 में शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज और बस्तर में ट्रेडिशनल हेल्थ प्रेक्टिसेस पर केंद्रित पुस्तक एन्शिएंट विसडम और बॉयोडायवर्सिटी इन कांगेर वैली पुस्तक का विमोचन किया. इस अवसर पर जलवायु परिवर्तन पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई.
'जलवायु परिवर्तन वैश्विक समस्या' :कॉन्क्लेव में सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को वैश्विक समस्या माना. सीएम साय के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण कई चुनौतियों का सामना दुनिया को करना पड़ता है.इसके लिए सभी को मिलकर प्रकृति को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना होगा.
''हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.ज्यादा सुख-सुविधाओं की ओर बढ़ रहे है। जिससे असंतुलन की स्थिति बनती है, विसंगतियां आती हैं.वैश्विक समस्या के समाधान के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा.''- विष्णुदेव साय, सीएम छग शासन
जनजातियों को प्रकृति का महत्व का अंदाजा :इस दौरान वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने भी प्रकृति के संरक्षण पर जोर दिया. केदार कश्यप ने कहा कि '' हमें प्रकृति को बचाना होगा.ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहे. हमारे देश की जनजातियां प्रकृति का महत्व अच्छे से समझती है.''
प्रकृति को बचाने के लिए सेमिनार :कार्यशाला का आयोजन छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज और वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने फाउन्डेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के तकनीकी के सहयोग से किया था. इस कॉन्क्लेव में 15 राज्यों और राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इस कार्यक्रम में सीएम और वनमंत्री के अलावा विधायक अनुज शर्मा, पद्मश्री फूलबासन यादव, पद्मश्री हेमचंद मांझी और पद्मश्री जागेश्वर यादव भी शामिल हुए.इनके अलावा वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव समेत जनजाति समुदायों के प्रतिनिधि समेत वैद्यराज भी कार्यक्रम का हिस्सा बनें.