छतरपुर।शहर में मेला जलविहार मेला का जलवा कायम है. बुधवार रात तेज बारिश के बाद भी बुंदेली लोकगीत का धमाकेदार कार्यक्रम हुआ. लोकगीत कलाकारों ने भी लोगों की फरमाइश पर शानदार लोकगीत सुनाए. खास बात ये रही है कि तेज बारिश के बाद भी लोगों के साथ ही गायक कलाकारों के जोश में कोई कमी दिखाई नहीं दी. बता दें कि छतरपुर शहर के बीचोंबीच 100 साल से मेला जलविहार मेले की परंपरा चली आ रही है. शहर के गल्ला मंडी परिसर में लगातार मेला जलविहार का आयोजन किया जा रहा है.
लोकगीत कलाकारों ने जनता को किया मंत्रमुग्ध
छतरपुर शहर में मां अन्नपूर्णा के नाम पर जलविहार मेले का आयोजन इस साल भी चल रहा है. इस दौरान भारी बारिश ने मेला के आयोजन में खलल तो पैदा किया लेकिन जनता की फरमाइश पर बुंदेली लोकगीतों की बौछारें होती रहीं. गायक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर लोगों का मन मोह लिया. समिति के महासचिव पं.सौरभ तिवारी ने बताया "जलविहार महोत्सव के दौरान लगभग हर वर्ष बारिश होती है. ऐसा ही इस वर्ष भी महोत्सव के तीसरे दिन हुआ." जलविहार महोत्सव के दौरान बुंदेलखंड की जानीमानी लोकगीत कलाकार चिरैया एंड पार्टी द्वारा बुंदेली लोकगीतों का रंगारंग कार्यक्रम बारिश के बीच सम्पन्न हुआ.
लोकगीत कलाकारों के साथ पूरी पार्टी का सम्मान
एक ओर जहां जोरदार बारिश की बहार थी, वहीं दूसरी ओर मेला मंच पर लोकगीतों की मजेदार फुहार चली. लोकगीत गायिका चिरैया के साथ बाबूलाल मस्ताना, सरोज सरगम, रचना विश्वकर्मा, ऋषि मस्ताना, मुकेश वर्मा ने अपनी गायकी की ऐसी छाप छोड़ी कि सुनने वाले मंत्रमुग्ध हो गए. वहीं बैंजो पर नवल किशोर तिवारी, भागचंद, ढोलक पर वीरेंद्र सूर्यवंशी, तबला पर टिंकू राजा, झींका पर बुद्धिप्रकाश चौबे व मंजीरा पर पप्पू ने अपनी अद्भुत प्रस्तुति दी.