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"25 हजार में मिलेगी सरकारी नौकरी" फर्जी कंपनी बना बेरोजगारों को दिखाए सब्जबाग

नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी कंपनी ने बुंदेलखंड के बेरोजगार युवकों को ठगी का शिकार बनाया. जालसाजों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.

Chhatarpur Fake company
फर्जी कंपनी बनाकर बेरोजगारों से ठगी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 3, 2024, 12:24 PM IST

छतरपुर :बुंदेलखंड के बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर लगातार ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. इसके बाद भी लोग जालसाजों के जाल में फंस रहे हैं. एक बार फिर बुंदेलखंड के छतरपुर, टीकमगढ़ सहित आसपास के करीब 50 बेरोजगार युवक-युवतियों के साथ नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की गई है. पुलिस का कहना है कि ठगी के शिकार युवक लगातार सामने आ रहे हैं.

हरेक युवक से 25-25 हजार रुपये लिए

मामले के अनुसार छतरपुर के ओरछा रोड थाना क्षेत्र के वार्ड नं.1 में एमएस आर्यावर्त एसोसिएट नाम से बिहार की कंपनी संचालित हो रही थी. इसमें आसपास के जिलों के युवक-युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा गया. पीड़ित युवक-युवतियों ने बताया कि कंपनी के संचालक आलोक कुमार द्वारा उनके साथ ठगी की गई है. बेरोजगारों से 25-25 हजार रुपए लिए गए. लेकिन 7 माह बीत जाने के बाद भी किसी भी युवक-युवती को न तो नौकरी मिली और न ही रुपए वापस किए.

ठगी के शिकार अपनी व्यथा बताते हुए (ETV BHARAT)

रुपये नहीं मिलने पर पीड़ितों ने किया हंगामा

इसके बाद सोमवार को ठगी के शिकार हुए युवक-युवतियों ने कंपनी दफ्तर के बाहर हंगामा शुरू कर दिया. जानकारी लगने पर मौके पर पहुंची ओरछा रोड थाना पुलिस ने कंपनी के समस्त दस्तावेज जांचे और यहां काम करने वाले कर्मचारियों को हिरासत में लिया. बम्हौरी बराना जिला टीकमगढ़ के युवक मोनू अहिरवार बताया "वह 7 माह से कंपनी में कार्य कर रहा है. लेकिन अभी तक उसे एक रुपया भी नहीं मिला. कंपनी के संचालक द्वारा उससे 25 हजार रुपए लिए गए. जब पैसों की मांग की गई तो उन्होंने कहा कि नहीं मिलेंगे. जहां भी शिकायत करना हो, कर दो. आओ."

हंगामा होने पर फर्जी कंपनी के लोग हिरासत में (ETV BHARAT)
फर्जी कंपनी ने फंसाया बेरोजगार युवकों को (ETV BHARAT)

कंपनी के कर्मचारी हिरासत में, पूछताछ जारी

इसी प्रकार ग्राम नुना जिला टीकमगढ़ की रहने वाली सविता ने बताया "उसका पति कमलेश कुमार भी इस कंपनी से जनवरी में जुड़ा था. तब उसने 25 हजार रूपए दिए थे और लोगों को जोड़ने पर उसे कमीशन दिया जाना था लेकिन 7 माह बीत जाने के बाद भी उसे कोई कमीशन नहीं दिया गया." वहीं, ओरछा रोड थाना प्रभारी पुष्पेंद्र यादव का कहना है "कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है."

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