नई दिल्लीः पिछले साल हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित 45वीं शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीत कर भारत का नाम रौशन करने वाली ग्रैंड मास्टर तानिया सचदेव को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली सरकार की तरफ से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. नेहरू एनक्लेव स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चेस खिलाड़ी तानिया सचदेव ने CM आतिशी और दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चेस की प्रैक्टिस कर रहे बच्चों के साथ चेस खेला और स्कूल का भ्रमण भी किया.
इस दौरान बच्चों ने तानिया सचदेव से चेस को लेकर कई सवाल किए. बच्चों ने पूछा कि उन्हें कैसे अच्छा खेलना चाहिए, इसके लिए प्रैक्टिस और दबाव को कैसे दूर करें, जिनका उन्होंने जवाब दिया. वहीं, CM आतिशी ने कहा कि जब तानिया ने गोल्ड मेडल जीता, वह युवा शतरंज खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल के रूप में सामने आईं. शतरंज एक ऐसा खेल है जो योजना बनाने से लेकर निर्णय लेने के कौशल को निखारता है.
हमेशा रोल मॉडल्स की जरूरत होती है:दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने शनिवार, 4 जनवरी को शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव का नेहरू एनक्लेव स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में स्वागत करते हुए कहा कि जब हम किसी फील्ड में शुरुआत कर रहे होते हैं तो हमें हमेशा रोल मॉडल्स की जरूरत होती है, जिनकी उपलब्धियों को देखकर हमें लगता है कि हमें भी उनकी तरह बनना है. आज मुझे खुशी है कि हमारे स्कूल छात्रों के सामने एक ऐसी ही रोल मॉडल तानिया सचदेव हैं. तानिया के बारे में बहुत लोग जानते हैं लेकिन मैं बतादूं कि वह 2006 और 2007 में दो बार भारतीय महिला शतरंज चैंपियन बनीं. 2007 में वह एक बार एशियाई महिला शतरंज चैंपियन भी बनीं. वहीं, 2015 में तानिया सचदेव ने एशियाई कॉन्टिनेंटल महिला रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता. तानिया सचदेव 2016, 2018 और 2019 में तीन बार कॉमनवेल्थ महिला शतरंज चैंपियन रह चुकी हैं. सितंबर 2024 में, तानिया सचदेव भारतीय टीम का हिस्सा थीं, जिसने 45वीं शतरंज ओलंपियाड में बुडापेस्ट, हंगरी में महिला श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता. यह भारत का पहला ओलंपियाड स्वर्ण था.
शतरंज ओलंपियाड गोल्ड विजेता तानिया सचदेव (ETV Bharat) तानिया की तरह यहां के बच्चे भी गोल्ड मेडल लाएंगे: मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि दिल्ली से हमारी चैस चैंपियन इस टीम का हिस्सा थीं. मुझे लगता है कि तानिया का सर्वोदय कन्या विद्यालय में आना सिर्फ इनके सम्मान के लिए नहीं है. बल्कि मुझे लगता है कि हमारे स्कूलों में जो छात्र शतरंज खेलते हैं, यह उन लोगों को आगे के लिए प्रोत्साहित करने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा. तानिया भी दिल्ली के स्कूल से पढ़ी हैं. आज वह इंटरनैशनल चैस ओलंपियाड में गोल्ड लेकर आई हैं. जैसे तानिया हमारे देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आई हैं. मैं उम्मीद करती हूं कि यहां बैठे छात्र भी कुछ साल बाद तानिया की तरह देश के लिए गोल्ड मेडल लाकर स्टेज पर बैठे होंगे और हम उनका सम्मान करेंगे.
शतरंज ओलंपियाड गोल्ड विजेता तानिया सचदेव (ETV Bharat) शतरंज योजना बनाने से लेकर निर्णय लेने तक कौशल को निखारता: मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि शतरंज एक ऐसा खेल है जो दिमाग के लिए जिम की तरह काम करता है. हम जब शतरंज खेलते हैं और उसमें एक कदम लेते हैं तो हम चार और कदमों के बारे में पहले से ही सोचकर रखते हैं. शतरंज खेलते वक्त हम प्लान करते हैं कि अगर हम एक कदम लेंगे तो सामने वाला कौन सा कदम ले सकता है. एक समय पर हम अनेक संभावनाएँ देख रहे होते हैं. मुझे यह लगता है कि यह खेल सिर्फ आगे चलकर शतरंज में करियर बनाने वालों के लिए नहीं है, बल्कि यह डॉक्टर, इंजीनियर, वकील या किसी भी क्षेत्र में मदद करता है. क्योंकि शतरंज एक ऐसा खेल है जो योजना बनाने से लेकर निर्णय लेने तक कौशल को निखारता है.
दिल्ली सरकार ने हमेशा खिलाड़ियों का साथ दिया:इस दौरान तानिया सचदेव ने सीएम आतिशी और विभिन्न स्कूलों से आए चेस खेलने वाले बच्चों से खुलकर बात की. उन्होंने बच्चों को अपने अनुभवों के बारे में बताया और उनके विभिन्न सवालों का भी जवाब दिया. तानिया सचदेव ने कहा कि आज दिल्ली सरकार की तरफ से सम्मानित होकर बहुत अच्छा लग रहा है. दिल्ली सरकार ने हमेशा खिलाड़ियों का साथ दिया है और उनका मनोबल बढ़ाया है. उन्होंने बच्चों से कहा कि चेस से मेमोरी टाइम मैनेजमेंट बढ़ता है और यह पढ़ाई में भी मददगार होता है. चेस के लिए एकाग्रता आवश्यक है. उन्होंने कहा कि यहां के बच्चे बहुत अच्छा चेस खेलते है. मुझे यकीन है कि आगे चलकर ये बच्चे बहुत अच्छा करने वाले हैं.
बतादें कि पिछले दिनों सीएम आतिशी से ग्रैंड मास्टर तानिया सचदेव ने दिल्ली सचिवालय आकर मुलाकात की थी. सीएम ने इस मुलाकात की जानकारी एक्स पर साझा की थी. उन्होंने कहा था कि तानिया सचदेव से मुलाकात की, जो भारत के सभी उभरते शतरंज खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं. तानिया ने दिल्ली में शतरंज को बढ़ावा देने के लिए कई दिलचस्प सुझाव दिए. शतरंज एक ऐसा खेल है जो सस्ता होने के साथ-साथ सांस्कृतिक बाधाओं को भी तोड़ सकता है. हम आपके साथ मिलकर काम करने और इस खेल को खासकर दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों के बीच बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं.
तानिया सचदेव भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं, जिन्हें एफआईडीई द्वारा इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) और महिला ग्रैंडमास्टर (डब्ल्यूजीएम) का खिताब हासिल है. तानिया सचदेव 2006 और 2007 में दो बार भारतीय महिला शतरंज चैंपियन बनीं. 2007 में वह एक बार एशियाई महिला शतरंज चैंपियन भी बनीं. 2015 में तानिया सचदेव ने एशियाई कॉन्टिनेंटल महिला रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता. तान्या सचदेव 2016, 2018 और 2019 में तीन बार कॉमनवेल्थ महिला शतरंज चैंपियन बनीं. सितंबर 2024 में, तान्या सचदेव भारतीय टीम का हिस्सा थीं, जिसने 45वीं शतरंज ओलंपियाड में बुडापेस्ट, हंगरी में महिला श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता. यह भारत का पहला ओलंपियाड स्वर्ण था.
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