जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने वाद नीति के प्रावधानों में परिवर्तन कर 5 साल वकालत का अनुभव रखने वाले वकील को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त करने पर राज्य सरकार और अधिवक्ता पदमेश मिश्रा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस अनिल उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश सुनील समदडिया की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की वाद नीति, 2018 के तहत 10 साल की वकालत का अनुभव रखने वाले अधिवक्ता को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया जा सकता है. राज्य सरकार ने गत दिनों इस वाद नीति में संशोधन कर प्रावधान किया कि विशेषज्ञता को देखते हुए किसी भी वकील को अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाया जा सकता है. जबकि इसमें विशेषज्ञता को लेकर कुछ प्रावधान नहीं किया गया है. याचिका में कहा गया कि यह प्रावधान मनमाना और विधि विरूद्ध है. इस संशोधन के तहत न्यूनतम अनुभव का प्रावधान भी नहीं रखा गया है. इसकी आड़ में राज्य सरकार किसी भी चहेते को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त कर सकती है.