बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के चल रहे 3.25 लाख वाहनों का कटा चालान, 325 करोड़ रुपये का लगाया गया जुर्माना
Delhi Traffic Police: दिल्ली में पिछले साल बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के चल रहे 3.25 लाख वाहनों के चालान काटे गए. इन पर कुल 325 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.
नई दिल्लीः दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग और यातायात पुलिस प्रदूषण की रोकथाम के लिए बिना पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) के चल रहे वाहनों का चालान काटती है. बीते वर्ष 2023 में 3.25 लाख वाहनों का वैध पीयूसीसी न होने पर 10-10 हजार रुपये का चालान काटा गया. इस तरह कुल 325 करोड़ रुपये का वाहन चालकों पर जुर्माना लगाया गया. हालांकि अभी 75 प्रतिशत लोगों ने चालान नहीं जमा किया है.
पर्यावरण विभाग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली में एक जनवरी से 31 दिसंबर 2023 तक प्रदूषण फैलाने के आरोप में कुल 3.25 लाख वाहनों का चालान काटते हुए 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इस रह 325 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. लेकिन बड़ी संख्या में लोग लोक अदालत में चले जाते हैं. जहां पर चालान की राशि कम करा लेते हैं और लोग चालान का भुगतान कर देते हैं. लेकिन 75 प्रतिशत लोगों ने अभी तक चालान नहीं जमा किया है.
दिल्ली में सर्दियां बढ़ने पर प्रदूषण बढ़ने लगता है. वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण हवा में पीएम 2.5 यानी प्रदूषण के छोटे कण की मात्रा बढ़ती है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक बीते वर्ष प्रदूषण की मात्रा में पीएम 10 यानी प्रदूषण के बड़े कण में कमी आई लेकिन पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ी. इसको कम करने के लिए सैकड़ों गाड़ियों से पानी का छिड़काव और जगह जगह एंटी स्मॉग गन लगाए गए. इससे साथ ही पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें वाहनों की वैध पीयूसीसी जांचने में भी लगाई गईं. पीयूसीसी प्रमाणित करता है कि वाहन से निर्धारित सीमा से कम कार्बन मोनोआक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन हो रहा है.
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने तीस हजारी कोर्ट के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को को पत्र लिखकर बताया था कि 90 प्रतिशत लोगों ने चालान नहीं जमा किया है. इससे प्रवर्तन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. साल 2023 में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू होने की अवधि के दौरान 75 प्रतिशत से अधिक लोगों ने चालान का भुगतान नहीं किया है. निपटाए गए चालानों में से 34 प्रतिशत चालान 2 हजार रुपये से कम के थे. 1 अक्टूबर 2022 से 1 मार्च, 2023 तक ग्रैप लागू रहने के दौरान BS3 पेट्रोल और BS4 डीजल वाहनों के संचालन पर 1095 चालान काटे गए थे. इनमें से 75 प्रतिशत चालान अभी भी लंबित हैं.