पटना:चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो चुकी है. आज शनिवार को स्कंदमाता की पूजा की जाएगी. नवरात्रि के नौ दिनों में माता के अलग-अलग रूपों की पूजा का विधान है. स्कंदमाता क्या यह नाम भगवान कार्तिकेय से मिला है. आईए जानते हैं कि नवरात्रि के पांचवें दिन माता का किस तरह से पूजा अर्चना करें. माता को क्या अतिप्रिय है.
चारभुजा धारी हैं स्कंदमाताः आचार्य रामशंकर दूबे ने बताया कि स्कंदमाता चारभुजा धारी हैं. स्कंदमाता की दो भुजा में कमल, पुष्प बाई भुजा वर-मुद्रा में है. माता कार्तिकेय भगवान को गोद में लेकर सिंह पर सवार है. माता के इस ममता मयूर की पूजा-अर्चना से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है. शास्त्रों में बताया गया है कि स्कंदमाता की आराधना का काफी महत्व है.
कैसें करें पूजाः नवरात्रि के पांचवें दिन सुबह स्नान करके वस्त्र धारण करके पूजा प्रारंभ करना चाहिए. फूल अक्षत पान सुपारी लौंग इलाइची माता को चढ़ाए. लाल पुष्प लेकर माता का आवाहन करें. पीला रंग अति प्रिय है. माता को पीला फूल का माला पहनाएं. माता को केला, गाय के दूध का पंचामृत, सेब, नारगी का भोग लगाएं. हवन करें और आरती उतारे. इस तरह से पूजा करने से माता रानी प्रशन्न होती हैं. इस रूप में दर्शन देकर मां भक्तों के चेहरे पर मुस्कान प्रदान करती हैं.