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मुजफ्फरपुर में पानी की तेज धार में बह गया चचरी पुल, 50 हजार की आबादी प्रभावित, लोगों ने बताया अपना दर्द - Muzaffarpur FLOOD

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 2, 2024, 1:20 PM IST

Updated : Jul 2, 2024, 1:26 PM IST

Muzaffarpur Flood: नेपाल और बिहार में हो रही बारिश से बिहार की कई नदियां उफान पर हैं. मुजफ्फरपुर में बागमती नदी का जलस्तर बढ़ गया है और पानी के तेज बहाव के साथ अतरार घाट का चचरी पुल भी बह गया है. ऐसे में अब 40 से 50 हजार की आबादी को 5 किमी की जगह 50 किमी का सफर तय करना पड़ रहा है. लोग जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करने को मजबूर हैं.

Muzaffarpur FLOOD
मुजफ्फरपुर में बाढ़ का खतरा (ETV Bharat)

मुजफ्फरपुर में पानी की तेज धार में बह गया चचरी पुल (ETV Bharat)

मुजफ्फरपुर: नेपाल के पहाड़ी इलाकों में बारिश और बिहार में मानसून की दस्तक ने बिहार के लोगों की परेशानी फिर बढ़ा दी है. बिहार की कई नदियां एक बार फिर से डराने लगी हैं. मुजफ्फरपुर मेंबागमती नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है.

अतरार घाट का चचरी पुल बहा: वहीं औराई प्रखंड के अतरार घाट का चचरी पुल पानी के तेज बहाव के साथ बह गया है. इससे आधा दर्जन से अधिक पंचायतों के 50 हजार की आबादी का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. इस इलाके के लोगों को अब मुख्यालय तक जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नांव से नदी पार करने को मजबूर हैं.

"औराई जाने के लिए 25 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ रहा है. रोड सही नहीं है. नाव पर जान का खतरा रहता है. नदी पार करके जाते हैं तो तीन किलोमीटर जाना पड़ता है. चचरी पुल रहने से बहुत आराम था. सीतामढ़ी होकर हमें जाना पड़ता है."- राजन कुमार,ग्रामीण

अतरार घाट का चचरी पुल बहा (ETV Bharat)

40 से 50 हजार की आबादी प्रभावित: महेशवाड़ा, अतरार, अमनौर, सहिलाबल्ली, हथौड़ी समेत आधा दर्जन पंचायतों के कई गांवों के लोगों को अब प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए सीतामढ़ी के सैदपुर होते हुए 55 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी. 40 से 50 हजार की आबादी इससे प्रभावित हो रही है. बागमती नदी की दक्षिणी उपधारा पर बने चचरी पुल से होकर प्रखंड मुख्यालय जाने में जहां 5 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी, वहीं अब कटौझा या रूत्रीसैदपुर होकर जाने में 20 से 25 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी.

"चचरी बहने से बहुत दिक्कत हो रही है. फसल उस पार है, नाव का सहारा लेना पड़ता है. हर साल यही हाल होता है. कोई जनप्रतिनिधि नहीं आता है."- ग्रामीण

नाव ही एकमात्र सहारा: वहीं औराई उत्तरी क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय जाने में रूत्रीसैदपुर होकर 55 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी होगी. इधर, बागमती तटबंध के बीच एक दर्जन गांवों के लोगों को आवागमन के लिए अब नाव ही सहारा है. इधर, बहुप्रतीक्षित अतरार घाट पुल डीपीआर व नक्शे से आगे पुल नहीं बढ़ पाया है. इसके बनने से गहरां, हथौड़ी, अमनौर, अतरार औराई पथ से सीधे प्रखंड मुख्यालय पहुंच जाएंगे.

'मरीजों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी':वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 50 सालों से इलाके के लोग चचरी पुल का दंश झेल रहे हैं. ग्रामीण अपने से चचरी पुल बनाते हैं, लेकिन हर वर्ष पुल बह जाता है. बारिश का मौसम भी शुरू हो गया है. सबसे अधिक परेशानी तब होती है, जब किसी की तबीयत खराब हो जाए या किसी गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना हो.

"मरीजों को ले जाने के लिए नाव पर खाट रखते हैं. वहीं गर्भवती महिलाओं को लेकर नदी पार करते हैं. जान जोखिम में रहती है, लेकिन हमलोग मजबूर हैं. सड़क रास्ते से 20 से 25 किमी ज्यादा लगता है."-ग्रामीण

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Last Updated : Jul 2, 2024, 1:26 PM IST

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