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CGPSC भर्ती घोटाला, टामन सिंह सोनवानी का भतीजा और बजरंग पावर के निदेशक का बेटा बहू गिरफ्तार - CGPSC RECRUITMENT SCAM

सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में सीबीआई ने कई और लोगों को पकड़ा है.

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CGPSC भर्ती घोटाला (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 13, 2025, 7:44 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाले में सीबीआई ने तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. तीन गिरफ्तारियों में साहिल सोनवानी, शशांक गोयल और उनकी पत्नी भूमिका कटियार है. साहिल सोनवानी को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से पकड़ा गया, जबकि शशांक गोयल और भूमिका कटियार को नई दिल्ली से पकड़ा गया.

शशांक गोयल और भूमिका कटियार के वकील फैसल रिजवी ने बताया कि रविवार को तीनों को छत्तीसगढ़ लाया गया. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) कृति कुजूर की अदालत ने उन्हें 13 जनवरी तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है.

पुलिस उपाधीक्षक के पद पर चयनित साहिल सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और पूर्व सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बड़े भाई के बेटे हैं. शशांक और भूमिका रायपुर स्थित बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के निदेशक श्रवण कुमार गोयल के बेटे और बहू हैं. दोनों का चयन डिप्टी कलेक्टर के रूप में हुआ था.

शनिवार को सीबीआई ने 2 गिरफ्तारियां की: सीबीआई ने मामले में कथित संलिप्तता के लिए नवंबर 2024 में टामन सिंह सोनवानी और श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था. दोनों इस समय जेल में हैं. इससे पहले शनिवार को सोनवानी के रिश्तेदार नितेश और पूर्व उपपरीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर को गिरफ्तार कर 13 जनवरी तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया.

सीजीपीएससी भर्ती घोटाला: सीबीआई के अनुसार, 2018 से 2023 के बीच छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के दौरान सीजीपीएससी के प्रमुख रहे टामन सिंह सोनवानी ने श्रवण गोयल के बेटे और बहू का चयन डिप्टी कलेक्टर के रूप में करने के लिए उनसे कथित तौर पर 45 लाख रुपये की रिश्वत ली थी.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने सीजीपीएससी भर्तियों में कथित अनियमितताओं को लेकर तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पर कई आरोप लगाए. भाजपा ने सत्ता में आने पर इसकी जांच कराने की बात कही. 23 में सरकार बनाने के बाद जुलाई 2024 में सीजीपीएससी भर्ती घोटाले की जांच शुरू की. रायपुर और बालोद जिले के अर्जुन्दा में दर्ज दो मामलों की जांच अपने हाथ में ली, जिसमें 2020 और 2022 के बीच सीजीपीएससी की परीक्षा के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक और अन्य वरिष्ठ सरकारी पदों के चयन में कथित पक्षपात को लेकर मामला दर्ज किया गया.

पद का दुरुपयोग कर पदों पर भर्ती कराने का आरोप: सीबीआई ने दावा किया कि पूर्व सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और अन्य लोक सेवकों और राजनेताओं ने 2020-2022 के दौरान अपने रिश्तेदारों और परिचितों को सीजीपीएससी के जरिए विभिन्न पदों पर भर्ती कराने के लिए मिलीभगत की.

सीबीआई ने दावा किया है कि नितेश सोनवानी को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था, जबकि टामन सिंह सोनवानी के बड़े भाई के बेटे साहिल को डिप्टी एसपी के रूप में चुना गया. सीबीआई ने ये भी कहा कि सोनवानी की बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी की नौकरी मिली, जबकि नितेश सोनवानी की पत्नी निशा कोसले को डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया.

SOURCE- PTI

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