बिलासपुर: बिलासपुर में गुरुवार को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने जनसुनवाई की. जिले के "प्रार्थना भवन" जल संसाधन विभाग में महिला उत्पीड़न से संबंधित 37 मामलों में सुनवाई हुई. आयोग के निर्देश पर एक प्रकरण में 498A दर्ज किया गया. आयोग की अध्यक्ष ने 263वीं और जिला स्तर पर 16वीं सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कई अहम मामलों को आयोग ने सुलझाया.
बिलासपुर में महिला आयोग की जनसुनवाई (ETV Bharat)
जीवन भत्ता के लिए 5 लाख रुपया देना हुआ तय:एक मामले में पीड़ित महिला सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी के पद पर मंडी परिषद तोरवा में काम करती थी. दैनिक मजूदरी में उसे रखा गया था. हालांकि काम में उसे काम से हटा दिया गया था. इस मामले में आयोग ने सुनवाई की. वहीं, एक अन्य मामले में लव मैरिज करने वाले कपल के तलाक के आवेदन पर सुनवाई की गई. इस मामले में 5 लाख रुपया पत्नी को देना तय किया गया, जिसमें 2 लाख रुपया पती ने पत्नी को दिया. बाकी राशि तीन किस्तों में देना तय किया गया है.
बगैर पहली पत्नी को तलाक दिए की दूसरी शादी: वहीं, एक अन्य केस में पति-पत्नी के बीच हुए विवाद में जीवन निर्वाह के लिए 2.50 लाख रुपए देना तय किया गया. जानकारी के मुताबिक केस में पति ने 7 साल पहले ही दूसरी शादी की थी, हालांकि पहली पत्नी से तलाक नहीं लिए थे. पति ने आयोग के सामने बगैर तलाक दूसरी शादी की बात स्वीकार की है. साथ ही जल्द राशी देने की बात कही है. अगर मामले में पति ने पत्नी को जीवन निर्वाह भत्ते की राशि नहीं दी तो कानूनी कार्रवाई करते हुए पत्नी अपने पति का पेंशन रुकवा सकती है.
रायपुर में होगी अगली सुनवाई:वहीं पति के दूसरी शादी करने का मामला भी सामने आया.पति ने स्वीकार किया है कि दूसरी महिला उसके साथ रहती है.पहली पत्नी से उसका एक बच्चा भी है, जो कि मम्मी-पापा के साथ रहना चाहता है. पति ग्राम हरदी में हनुमान ट्रेडर्स में हेल्पर का काम करता है. महिला का पति लगतार झूठ बोलकर आयोग को गुमराह कर रहा है. ऐसी स्थिति में मामले में आगामी सुनवाई रायपुर में रखी गई है. वहीं, दूसरे केस में 26 साल से अलग रह रहे पति-पत्नी का एक बेटा है. पति ने दूसरी शादी कर ली है. उसके भी दो बच्चे हैं.पति सहायक लिपिक के पद पर काम कर रहै है. उसका वेतन 60000 रुपया प्रति माह है. दोनो पक्ष के बीच सुलह कराने के लिए रायपुर में 12 अगस्त को सुनवाई होगी.
जल्द राशि भुगतान करने का आदेश: एक अन्य मामले में सहकारी बैंक में चपरासी का काम कर रही महिला को पिछले 2 साल 7 माह से वेतन नहीं मिला है. प्रतिमाह 5500 रुपया के दर से कुल 170500 वेतन बताया है. बताया जा रहा है कि आरबीआई की गाईडलाईन के अनुसार जब बैंक की रिकवरी आ जाएगा तो महिला को बकाया वेतन दे दिया जाएगा. चूंकि महिला गरीब मजूदर महिला है. इतनी बड़ी राशि का वह लम्बा इंतजार नहीं कर सकती है. ऐसी दशा में आयोग ने दो माह के अन्दर 170500/- लाख का ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश दिया है.
इस दौरान आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने जानकारी दी कि अधिकतर मामले लव मैरिज वाले हैं. ऐसे में शादी के समय लोगों को सोच-समझ कर निर्णय लेना चाहिए.