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छत्तीसगढ़ नान घोटाला केस, सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, साय सरकार ने पूर्व महाधिवक्ता पर रखा पक्ष - CG NAN CORRUPTION CASE

साय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाएगी.CG Nagrik Aapurti Nigam

CG NAN CORRUPTION CASE
छत्तीसगढ़ नान घोटाला केस में एससी में सुनवाई (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 21, 2025, 6:29 PM IST

Updated : Feb 21, 2025, 6:49 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में नान घोटाला केस में छत्तीसगढ़ सरकार ने पक्ष रखा है. पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को 28 फरवरी तक हिरासत में नहीं रखने की बात साय सरकार ने की है. साय सरकार ने इस केस में एससी में सूचना दी कि, वे नान घोटाला केस में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाएगी. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने इस केस में राज्य के उप महाधिवक्ता रवि शर्मा का बयान दर्ज किया. रवि शर्मा ने कहा कि सतीश चंद्र वर्मा को 28 फरवरी तक हिरासत में नहीं रखा जाएगा.

एससी ने 28 फरवरी तक सरकार से मांगा जवाब: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी किया. इस केस में 28 फरवरी तक जवाब मांगा. एफआईआर में वर्मा के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने नागरिक पूर्ति निगम (एनएएन) घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को जमानत दिलाने में मदद की. कथित भ्रष्टाचार का मामला घटिया चावल, चना, नमक आदि की आपूर्ति से संबंधित है. इस मामले में नौकरशाहों सहित कई हाई प्रोफाइल लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

सतीश चंद्र वर्मा के वकीलों ने क्या कहा ?: इस केस में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि व्यवस्था में बदलाव हुआ है और आरोपों के आधार पर कोई भी अपराध नहीं बनता है.उनके मुवक्किल के खिलाफ आरोप यह है कि उन्होंने अदालत में आरोपियों के लिए जवाब तैयार किया, जिससे उन्हें 2019 में मामले में जमानत मिलने में मदद मिली. महाधिवक्ता जवाब तैयार नहीं करते हैं. उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि राज्य में सरकार बदल गई है. आरोपी को 2019 में जमानत दी गई थी और राज्य सरकार ने अब तक इसे चुनौती नहीं दी है और आदेश अंतिम हो गया है

घोटाले से संबंधित पीएमएलए मामले में आरोपी को पांच साल पहले जमानत दी गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और यह मामला यहां लंबित है. सतीश चंद्र वर्मा अग्रिम जमानत के हकदार हैं क्योंकि उन्हें मामले में सह-आरोपियों के साथ व्हाट्सएप चैट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था-मुकुल रोहतगी, सतीश चंद्र वर्मा के वकील

उप महाअधिवक्ता रवि शर्मा ने क्या कहा ?: इस केस में उप महाअधिवक्ता रवि शर्मा ने दलीलों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि कुछ सामग्री रिकॉर्ड पर लाने की जरूरत है और उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि पूर्व महाधिवक्ता को तब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. इसके बाद पीठ ने कहा कि जब तक राज्य वर्मा की याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं कर देता, तब तक वह कुछ अंतरिम राहत देगी. इस पर उप महाधिक्वता रवि शर्मा ने पीठ से अनुरोध किया कि उनका बयान दर्ज किया जाए और तब तक कोई निर्देश न दिया जाए. पीठ ने बयान दर्ज किया और सुनवाई 28 फरवरी को तय की है.

हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ SC गए थे सतीश चंद्र वर्मा: इस केस में हाईकोर्ट ने 13 फरवरी को सतीश चंद्र वर्मा को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

सोर्स: पीटीआई

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Last Updated : Feb 21, 2025, 6:49 PM IST

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