पटना:भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का फैसला किया है. इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि यह दिन उन सभी लोगों के योगदान का स्मरण कराएगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था. केंद्र सरकार के संविधान हत्या दिवस मनाने के निर्णय को लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.
भाजपा संविधान को तहस नहस करके रख दियाः राजद के राज्यसभा सांसद और मुख्य प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि इस तरीके की बात कौन लोग बोल रहे हैं. यह वही लोग बोल रहे हैं जो खुद संविधान को तहस-नहस करके रख दिए हैं. चुने हुए जन प्रतिनिधियों को जेल भेजने का काम किया. ह्यूमन एक्टिविस्ट को जेल भेजने का काम किया. फादर स्टेन स्वामी दुनिया से चले गए. मनोज झा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने तो ईडी सीबीआई के माध्यम से संविधान को तार-तार करने का काम किया है.
बापू हत्या दिवस मनाए सरकारः मनोज झा ने सरकार से मांग किया कि 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है, उसको सरकार 'बापू हत्या दिवस' के रूप में मनाए. हत्या करने वाले का वैचारिक और सांगठनिक झुकाव किसके तरफ था, उसको भी सार्वजनिक किया जाए. मनोज झा ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में देश के संविधान ने उनको झटका दिया है, इसके लिए सरकार को कुछ अच्छा सोचना चाहिए. यदि भाजपा इसे संविधान संकल्प दिवस का नाम देती तो बेहतर होता.
आपातकाल से बदतर स्थिति बनी हुई हैः कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अधिसूचना वह सरकार जारी करती है जो पिछले 10 वर्षों से रोज संविधान की हत्या कर रही है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस समय आपातकाल लगा था उससे प्रभावित अधिकांश नेता अभी भी कांग्रेस के साथ खड़े हैं. यह नेता इसलिए कांग्रेस के साथ खड़े हैं कि उन्हें पता है कि आपातकाल से भी बदतर स्थिति पिछले 10 साल से बनी हुई है.