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केंद्र के 'संविधान हत्या दिवस' पर विपक्ष का तीखा वार, भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या के आरोप, जानें उनके तर्क - sanvidhaan hatya divas

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 12, 2024, 9:16 PM IST

Updated : Jul 12, 2024, 9:33 PM IST

Manoj Jha केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाया जाएगा. केंद्र सरकार ने इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है. गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया. केंद्र सरकार के इस निर्णय पर बिहार की विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. भाजपा पर संविधान को तहस-नहस करके रख देने के आरोप लगाये. पढ़ें, विस्तार से.

संविधान हत्या दिवस
संविधान हत्या दिवस (ETV Bharat)

संविधान हत्या दिवस पर विपक्ष की प्रतिक्रिया. (ETV Bharat)

पटना:भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का फैसला किया है. इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि यह दिन उन सभी लोगों के योगदान का स्मरण कराएगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था. केंद्र सरकार के संविधान हत्या दिवस मनाने के निर्णय को लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.

भाजपा संविधान को तहस नहस करके रख दियाः राजद के राज्यसभा सांसद और मुख्य प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि इस तरीके की बात कौन लोग बोल रहे हैं. यह वही लोग बोल रहे हैं जो खुद संविधान को तहस-नहस करके रख दिए हैं. चुने हुए जन प्रतिनिधियों को जेल भेजने का काम किया. ह्यूमन एक्टिविस्ट को जेल भेजने का काम किया. फादर स्टेन स्वामी दुनिया से चले गए. मनोज झा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने तो ईडी सीबीआई के माध्यम से संविधान को तार-तार करने का काम किया है.

बापू हत्या दिवस मनाए सरकारः मनोज झा ने सरकार से मांग किया कि 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है, उसको सरकार 'बापू हत्या दिवस' के रूप में मनाए. हत्या करने वाले का वैचारिक और सांगठनिक झुकाव किसके तरफ था, उसको भी सार्वजनिक किया जाए. मनोज झा ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में देश के संविधान ने उनको झटका दिया है, इसके लिए सरकार को कुछ अच्छा सोचना चाहिए. यदि भाजपा इसे संविधान संकल्प दिवस का नाम देती तो बेहतर होता.

आपातकाल से बदतर स्थिति बनी हुई हैः कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अधिसूचना वह सरकार जारी करती है जो पिछले 10 वर्षों से रोज संविधान की हत्या कर रही है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस समय आपातकाल लगा था उससे प्रभावित अधिकांश नेता अभी भी कांग्रेस के साथ खड़े हैं. यह नेता इसलिए कांग्रेस के साथ खड़े हैं कि उन्हें पता है कि आपातकाल से भी बदतर स्थिति पिछले 10 साल से बनी हुई है.

लोग याद करेंगे कि कैसे-कैसे जुल्म हुए थेः राजद और कांग्रेस नेताओं के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी की सरकार ने पूरे देश में इमरजेंसी लगायी थी. देश के विरोधी दल के नेताओं को जेल भेजने का काम किया गया था. उस समय की सरकार ने अपने देश के नेताओं और आम लोगों के साथ अंग्रेजों जैसा बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया था. लोगों को इसकी जानकारी हो याद रहे इसीलिए सरकार ने संविधान हत्या दिवस की अधिसूचना जारी की है.

अमित शाह ने X पर क्या लिखाः "25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था. लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया. भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया है. यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था."

राजनीतिक गलियारे में क्या है चर्चा: लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार अभियान में राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी नेता संविधान बचाने की मुहिम चलायी थी. हर चुनावी रैली में राहुल गांधी हाथ में संविधान लेकर प्रचार करते दिखे थे. बीजेपी पर संविधान खत्म करने के प्रयास का आरोप लगाया था. ऐसा माना जाता है कि विपक्ष के इसी अभियान के कारण बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल सकी. आज केंद्र सरकार की तरफ से 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने के निर्णय को कांग्रेस के इसी अभियान के जवाब के रूप में देखा जा रहा है.

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Last Updated : Jul 12, 2024, 9:33 PM IST

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