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डहरे टुसू पर्व झारखंडी संस्कृति का प्रतीक, गांव की परंपरा शहरों में आ रही, करें इसका स्वागत: केशव महतो कमलेश - TUSU FAIR IN SERAIKELA

सरायकेला में टुसू परब का आयोजन किया गया है. जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत हजारों लोग शामिल हुए.

TUSU FAIR IN SERAIKELA
टुसू परब को लेकर सड़को में उमड़ी भीड़ (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 5, 2025, 7:07 PM IST

सरायकेला: कुड़मी समाज द्वारा अपनी संस्कृति संरक्षण के उद्देश्य से रविवार को डहरे टुसू परब का आयोजन किया गया. जिसमें गम्हरिया से साकची तक सड़कों पर जन सैलाब उमड़ पड़ा. डहरे टुसू में शामिल होने आदित्यपुर फुटबॉल मैदान के पास आयोजित कार्यक्रम में झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश पहुंचे. जहां उन्होंने डहरे टुसू को झारखंड की सभ्यता संस्कृति का परिचायक बताया.

टुसू परब के कार्यक्रम में शामिल हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष (ईटीवी भारत)

केशव महतो कमलेश ने कहा कि डहरे टुसू की शुरुआत टुसू पर्व से पूर्व की जाती है. टुसू पर्व तक लोग नई फसल के स्वागत में खेत खलिहान में नाचते झूमते हैं. यह परंपरा अब गांव से शहर की ओर आ रही है. जिसे हम सभी को स्वागत करना चाहिए. पूर्व से घोषित कार्यक्रम के तहत कुड़मी समाज के आह्वान पर दिवंगत सांसद सुनील महतो के गम्हरिया समाधि स्थल से साकची आम बागान तक विशाल रैली निकाली गई. जिसमें ढोल मांदर के थाप पर लोग थिरकते दिखे. कुड़मी समाज द्वारा अपने सभ्यता और संस्कृति बचाव के उद्देश्य से आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए.

गम्हरिया से आदित्यपुर होते हुए जनसैलाब जमशेदपुर साकची आम बागान के लिए प्रस्थान किया. इधर आदित्यपुर फुटबॉल मैदान से झामुमो नेता सह कुड़मी सेना टोटोमिक के केंद्रीय अध्यक्ष लालटू महतो के नेतृत्व में भी विशाल जन समूह का जुटान कर रैली निकाली गई. जहां डीजे की धुन पर कुरमाली संगीत पर महिलाएं नृत्य करती दिखी. इस दौरान केंद्रीय अध्यक्ष लालटू महतो ने बताया कि डहरे टुसू हमारी कला और संस्कृति की पहचान है. उन्होंने कहा कि इसे व्यापक प्रचारित कर जन-जन तक पहुंचाने की मुहिम है. आदिवासी मूलवासी समाज की सभ्यता और संस्कृति को बचाए रखने के साथ आगे बढ़ना है.

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