गिरिडीहः शनिवार की अहले सुबह एक हादसा हो गया था. हादसा कोयला के अवैध खदान में हुआ. यहां एक मजदूर की जान चली गई. जिसकी जान गई उसका नाम गुज्जर बताया गया. मजदूर नेता तेजलाल मंडल ने भी कहा कि खदान में गुज्जर ही मरा है.
इसके बाद गुज्जर को खोजने का प्रयास शुरू हुआ. एसडीपीओ जीतवाहन उरांव के साथ इंस्पेक्टर श्याम किशोर महतो भी गुज्जर के घर पर पहुंचे लेकिन घर में कोई नहीं मिला. 36 घंटे से अधिक बीत गए लेकिन गुज्जर का पता चला ही नहीं. ऐसे में अब इस मामले में प्राथमिकी की तैयारी कर ली गई है.
ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः अवैध खनन के दौरान मौत पर प्रशासन रेस (ETV Bharat) सीसीएल प्रबंधन के द्वारा सुरक्षा विभाग के सब इंस्पेक्टर मनोज सुंडी को जवाबदेही सौंपी गई है. मनोज सुंडी ने भी बताया है कि जिस खदान में हादसा होने की बात कही गई है उसे भर दिया गया है. इसके अलावा इस खदान के संचालकों को चिन्हित भी कर लिया गया है. वहीं क्षेत्र में कोयला का खनन करनेवाले अन्य लोगों को भी चिन्हित करते हुए मुफ्फसिल थाना में आवेदन दिया जाएगा जिसकी तैयारी कर ली है.
एक दर्जन खदानों की डोजरिंग
शनिवार की घटना के बाद एसडीपीओ जीतवाहन उरांव, परियोजना पदाधिकारी के साथ मुफ्फसिल इंस्पेक्टर श्याम किशोर महतो ने सर्च अभियान चलाया. इस अभियान के दरमियान एक दर्जन अवैध खदान मिला जिसकी डोजरिंग की गई. एक खदान में पानी मारने का मोटर भी मिला जिसे जब्त किया गया. एसडीपीओ और पीओ ने कहा कि अभियान लगातार चलता रहेगा और खंता संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी.
बांस का पुल तो पहाड़ पर रास्ता
ओपेनकास्ट के पीछे सतीघाट और भूतनाथ इलाके में कब पुलिस और सीसीएल ने संयुक्त अभियान चलाया तो यहां कई चौकाने वाली तस्वीर मिली. जहां लीगल माइंस की चोटी से लेकर तराई तक कई खदानें मिली. वैसी खदानें भी खुली मिलीं जिनसे प्रत्येक दिन लाखों का कोयला निकाला जा सकता है. वहीं बांस का एक पुल मिला तो पहाड़ पर बाइक के चढ़ने और उतरने के लिए रास्ता भी बना मिला. बताया गया कि कोयला का खनन करने के बाद पहाड़ के इस रास्ते और बांस के पुल का उपयोग भी तस्कर करते हैं.
गुज्जर के मामले की जांच हुई तेज
दूसरी तरफ गुज्जर के नहीं मिलने के बाद पूरे मामले की जांच तेज हो गई है. स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि से भी संपर्क साधा गया है. कहा जा रहा है कि पुलिस उन सभी तस्करों को खोजने में जुटी है जिसपर गुज्जर की लाश को गायब करने संदेह है. इधर यह चर्चा है कि गुज्जर के घरवालों की जुबान चुप कराने में माफिया सफल हुए हैं. परिजनों को चार लाख दिया गया है. पुलिस इसकी भी सत्यता की जांच कर रही है.
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