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उत्तराखंड में उद्यान घोटाले के आरोपियों पर CBI की कार्रवाई, कैश और FD जब्त, कांग्रेस ने मांगा मंत्री का इस्तीफा - Uttarakhand Horticulture Scam - UTTARAKHAND HORTICULTURE SCAM

Uttarakhand Horticulture Scam उद्यान घोटाला मामले में सीबीआई ने आरोपी तत्कालीन उद्यान निरीक्षक नारायण सिंह बिष्ट के देहरादून घर से कैश और एफडी जब्त की है. सीबीआई अभी तक उत्तराखंड समेत 4 राज्यों के 24 स्थानों पर तलाशी ले चुकी है.

Uttarakhand Horticulture Scam
उत्तराखंड में उद्यान घोटाले के आरोपियों पर CBI की कार्रवाई (ETV BHARAT FILE PHOTO)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 16, 2024, 2:58 PM IST

देहरादूनःउद्यान घोटाले में विभाग के पूर्व निदेशक एचएस बवेजा समेत 16 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई ने उनकी संपत्ति की जांच करनी शुरू कर दी है. सीबीआई ने एक आरोपी तत्कालीन उद्यान निरीक्षक देहरादून नारायण सिंह बिष्ट के घर से साढ़े 13 लाख रुपए नकद और उसकी पत्नी के नाम पर की गई पांच-पांच लाख रुपए की 7 एफडी बरामद की है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर से भी मुकदमे में शामिल आरोपियों के घर से 13 लाख रुपए बरामद किए हैं.

बता दें कि सीबीआई ने उद्यान घोटाले में अभी तक कार्रवाई में उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश, हिमाचल और जम्मू कश्मीर में 24 स्थानों पर तलाशी ली है. तीन मुकदमों में 15 नामजद और तीन अज्ञात को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई को तलाशी में कई महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं. जिसमें उत्तराखंड में देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिलों में फलों के पौधों की खरीद में भारी अनियमितता मिली है. इसके आधार पर उद्यान विभाग के तत्कालीन निदेशक एचएस बवेजा समेत कई अधिकारियों से सीबीआई ने पूछताछ की है.

सीबीआई जांच में यह भी सामने आया है कि सेब के पौधे सप्लाई करने के लिए कई नर्सरी ने अपने-अपने प्रस्ताव विभाग को दिए थे. इनमें से पिथौरागढ़ की पाला नर्सरी ने 300 रुपए प्रति पौधे के हिसाब से सप्लाई का प्रस्ताव विभाग को दिया था. लेकिन पूर्व निदेशक ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और अपने एक दोस्त विनोद शर्मा की विनोद सीड्स नाम की नर्सरी को पैनल में शामिल कर लिया. जबकि विनोद सीड्स के पास ऐसा कोई अनुभव ही नहीं था और न ही उसके पास कोई फलदार पौधे की नर्सरी थी. विनोद सीड्स की ओर से कुल 69 हजार 960 सेब के पौधों की सप्लाई की गई. इसके लिए उसे एक करोड़ 67 लाख रुपए का भुगतान किया गया.

पिथौरागढ़ की इस नर्सरी को पैनल में शामिल करने के लिए तत्कालीन सीएचओ पिथौरागढ़ त्रिलोकी राय ने भी पूर्व निदेशक का साथ दिया और यह पौधे 480 रुपए की दर से खरीदे गए. मामला सीबीआई के पास पहुंचा है तो पता चला कि विनोद सीड्स ने यह पौधे पाला नर्सरी से खरीद कर ही सप्लाई किए थे. विनोद सीड्स के पास खरीद फरोख्त का लाइसेंस नहीं था और उसने यह पौधे पाला सीड्स से अंजान ट्रेडर्स के माध्यम से खरीदे थे. जबकि पाला नर्सरी के पास पहले से ही फलदार पौधों की सप्लाई का अनुभव था. बावजूद इसके पाला नर्सरी को दरकिनार करते हुए लगभग डेढ़ गुना अधिक दाम में सेब के पौधों की खरीद हुई थी.

बेमौसम खरीदे पौधे:सीबीआई ने जांच में पाया कि जो पौधे विनोद शर्मा ने सप्लाई किए थे, उनमें से अधिकतर डिलीवरी के समय ही मर गई थे. इसकी पिथौरागढ़ सीएचओ त्रिलोकी राय को सेपलिंग करनी थी. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था. जांच में यह भी सामने आया है कि यह सब पौधे सर्दियों के अंत में सप्लाई किए गए थे. जबकि यह समय सेब के पौधों के लिए अनुकूल नहीं है. यही कारण था कि ज्यादातर पौधे रोपित होने के तत्काल बाद ही मर गए. त्रिलोकी राय ने न तो पौधारोपण की जियो टैगिंग की ओर न ही वीडियोग्राफी की. यही नहीं, विनोद शर्मा ने जिन पौधों को सप्लाई किया था, वह निम्न गुणवत्ता वाले थे. जबकि इन्हें डेढ़ सौ रुपए की स्थान पर 480 रुपए प्रति पौधे के हिसाब से विभाग ने खरीदा था.

वहीं, अब सीबीआई की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है. वैसे-वैसे घोटाले की परतें खुलती जा रही है. इस मामले में कई नाम सामने आ रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, नियमानुसार गिरफ्तारी की कार्रवाई के बाद विभागीय स्तर पर निलंबन की कार्रवाई स्वंय शुरू हो जाती है. शासन अभी सीबीआई के स्तर से आगे की कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहा है.

कांग्रेस ने उद्यान मंत्री का फूंका पुतला:उधर सीबीआई द्वारा चर्चित उद्यान घोटाले में अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद कांग्रेस का आक्रोश सड़कों पर देखने को मिल रहा है. रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एश्ले हॉल चौक पर उद्यान मंत्री का पुतला दहन करके जमकर प्रदर्शन किया.

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जसविंदर गोगी का कहना कि उद्यान घोटाले में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ नेता भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. सीबीआई यदि जांच का दायरा और बढ़ाती है तो राज्य सरकार के मंत्री और जनप्रतिनिधि इस घोटाले में लिफ्ट पाए जाएंगे. कांग्रेस ने कहा कि नैतिकता के आधार पर उद्यान मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

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