भोपाल।मध्यप्रदेश के पास रीवा से सटे मऊगंज जिले में पिछले साल एक झोलाछाप डॉक्टर ने ऐसा कृत्य किया, जिसे सुनकर कलेजा कांप उठेगा. दरअसल, महिला को पेटदर्द की शिकायत थी. परिजनों के कहने पर घर आए झोलाछाप ने महिला की जांच की और इसके बाद ऑपरेशन के नाम पर महिला का पेट ही फाड़ डाला. इस दौरान महिला के गर्भाशय से आंतें बाहर आ गईं. महिला की मौत हो गई. इसके बाद आरोपी डॉक्टर कैंची और ब्लेड वहीं छोड़कर मौके से भाग गया. पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. ये एक नमूना है चिकित्सकीय व्यवस्था और लापरवाही का.
अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही से मौत की शिकायतें
इसमें कोई शक नहीं कि डॉक्टर को धरती पर भगवान का रूप माना गया है. संकटकाल में मरीज व उनके परिजन डॉक्टर की हर सलाह को मानते हैं. लेकिन जहां सरकारी अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ द्वारा लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं तो वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में मरीज के परिजनों से ज्यादा से ज्यादा वसूली के लिए अनाप-शनाप व गलत इलाज करने के मामले सामने आते रहते हैं. अस्पताल चाहे सरकारी हों या निजी अधिकांश जगहों पर लापरवाही व मनमाने इलाज की शिकायतें अब आम हो गई हैं. इस दौरान मरीज की मौत होने पर परिजन आपा खो देते हैं. हालांकि पीड़ितों परिजनों की शिकायतों पर पुलिस कार्रवाई भी करती है.
ग्वालियर के बिड़ला अस्पताल का मामला खूब गरमाया
ग्वालियर के जाने माने अस्पताल बिड़ला चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र पर 10 जनवरी 2023 को शिवपुरी जिला उपभोरम ने 12.37 लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने के आदेश जारी किए. अरुण तोमर और उनके बेटे राघवेंद्र तोमर ने 97 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की थी. शिवपुरी जिला उपभोक्ता फोरम ने अस्पताल प्रबंधन को इलाज में लापरवाही बरतने का दोषी माना और जुर्माना लगाया. ये मामला 2021 का है, जब कोविड का प्रकोप फैला था. अरुण तोमर की पत्नी को कोरोना के कारण बिड़ला अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 29 अप्रैल को उनकी मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल का बिल भर दिया था. परिजनों ने तीन दिन बाद पाया कि मृतका के गहने गायब हैं. इसकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था. पीड़ित परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही के आरोप के साथ अनाप-शनाप बिल बनाकर देने के साक्ष्य कोर्ट को सौंपे थे.
भिंड में नवजात के साथ ही प्रसूता की मौत, दोषी कौन
मध्यप्रदेश के भिंड में 4 जनवरी 2024 को जिला अस्पताल में महिला और नवजात की मौत हो गई. इससे भड़के परिजन ने बवाल काट दिया. मामला गर्माते देखकर ड्यूटी नर्स को सस्पेंड कर दिया गया. इसके साथ ही कलेक्टर ने मजिस्ट्रयल जांच के आदेश दिए. महिला को तीन बेटियों के बाद बेटे की चाहत पूरी हुई थी. लेकिन इलाज में लापरवाही के कारण खुशियां मातम में बदल गईं. परिजनों के अनुसार एक दिन पहले महिला को प्रसव पीड़ा उठी. परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. दिनभर महिला भर्ती रही, लेकिन डॉक्टर-नर्सों ने ठीक से इलाज नहीं किया, जिसके कारण उसकी हालत बिगड़ती गई. परिजन गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. आखिर में महिला और नवजात की मौत हो गई.
झोलाछाप डॉक्टर ने महिला का पेट ही फाड़ डाला
मऊगंज में 18 अगस्त 2023 को मऊगंज जिले में एक झोलाछाप डॉक्टर ने महिला मरीज के घर जाकर उसके पेट का ऑपरेशन ही कर डाला. महिला के गर्भाशय से आंतें बाहर आ गईं और उसकी मौत हो गई. इसके बाद आरोपी डॉक्टर कैंची और ब्लेड वहीं छोड़कर भाग गया. पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. 26 अगस्त 2023 को इंदौर के एमवाय अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही के आरोप लगाए परिजनों का आरोप था कि चिकित्सकों ने लीपापोती का प्रयास किया. परिजनों ने इसके विरोध में चक्काजाम कर दिया. उधर, राजगढ़ के सरकारी अस्पताल भी गजब है. सेवलान का उपयोग मरीज के घाव को संक्रमण से बचाने और कीटाणुओं से बचाव के लिए किया जाता है, लेकिन जीवनरक्षक यह दवाई ही जानलेवा बन गई है. दरअसल, सेवलान की बोतल में कीड़े थे, जिसका इस्तेमाल ड्रेसिंग में करने के कारण मरीज की हालत और बिगड़ गई.