रायपुर में अजब गजब टैक्स चोरी के खेल का खुलासा, अफसर भागे भागे पहुंचे थाने - Case of tax evasion exposed
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jul 13, 2024, 6:18 PM IST
रायपुर में फर्जी कंपनी के जरिए लाखों की टैक्स चोरी चल रही थी. मामले का खुलासा तब हुआ जब आईटी डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजा. नोटिस मिलते ही खुलासे से खलबली मच गई. पता चला कि टैक्स चोरी के खेल में अधिकारी के पैन कार्ड और आधार नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा था.
रायपुर: टैक्स चोरी के किस्से तो आपने कई सुने होंगे लेकिन ऐसा टैक्स चोरी का किस्सा शायद ही आपने सुना होगा, जिसमें जालसाजी के लिए अफसर का आधार कार्ड और पैन कार्ड इस्तेमाल किया गया हो. दरअसल पूरा मामला रायपुर के आमानाका थाना क्षेत्र का है. छत्तीसगढ़ समाज कल्याण विभाग में पदस्थ अधिकारी मनीष पाठक के नाम पर उनकी जानकारी के बिना ऑनलाइन कंपनी बनाकर करोड़ों रुपए के लेनदेन हुआ. अधिकारी को आयकर विभाग से नोटिस मिलने के बाद इसकी जानकारी हुई है. नोटिस मिलने के बाद अधिकारी ने आमानाका थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
टैक्स चोरी के लिए अफसर का पैन और आधार कार्ड इस्तेमाल: आमानाका के थाना प्रभारी सुनील दास ने बताया कि " शुक्रवार एम्स हॉस्पिटल के पास रहने वाले मनीष पाठक ने रिपोर्ट दर्ज कराई है. पीड़ित अधिकारी ने पुलिस को बताया कि पैन कार्ड और आधार कार्ड का उपयोग करके बिना उसकी जानकारी के पाठक इंटरप्राइजेज और आयशा इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी बनाई गई है. उक्त कंपनी से 2 करोड रुपए से ज्यादा का लेनदेन भी किया गया है. उन्होंने यह भी आशंका जताई कि आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसी आईडी फर्जीवाड़े के जरिए जालसाजों ने हासिल की होगी. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आमानाका पुलिस मामले की जांच में जुट गई है."
आईटी डिपार्टमेंट ने भेजा नोटिस तो हुआ खुलासा: गौरतलब हो कि इसके पहले भी सीए और ट्रांसपोर्टिंग कारोबार से जुड़े अंकित बांगर को अपने नाम से कंपनी होने की जानकारी तब मिली थी, जब उन्होंने आईटी रिटर्न जमा करने के लिए फॉर्म निकाला था. इससे पता चला कि उनके पैन नंबर से हैदराबाद में कंपनी भी चल रही है. उनके जीएसटी नंबर पर करोड़ों रुपए के कारोबार होना पाया गया था. इस मामले की शिकायत रायपुर के विधानसभा थाने में दर्ज हुई थी.