जबलपुर. जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में दहेज एक्ट के दुरुपयोग (Misuse of dowry act) के मामले में सुनवाई की गई. यहां एक महिला द्वारा अलग रहने के बावजूद सास व अन्य रिश्तेदारों पर लगाए गए दहेज एक्ट के मामले को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट जस्टिस एस.एस भट्टी की एकलपीठ ने पाया कि शिकायतकर्ता महिला ने धारा 161 के तहत दर्ज करवाए गए अपने बयान में स्वीकार किया है कि वह अपने पति के साथ अगल रहती थी. याचिकाकर्ता यानी उसकी सास, देवर व अन्य उसके साथ नहीं रहते थे, वे कभी-कभी सिर्फ आते-जाते रहते थे.
क्या है पूरा मामला?
एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर व न्यायालय में लंबित प्रकरण को खारिज करने के आदेश जारी किए हैं. दरअसल, गोविंदपुरा भोपाल निवासी गीताबाई खांबरा, बेटी पूजा गौर व बेटे अनूप खांबरा की ओर से दहेज एक्ट के दुरुपयोग के खिलाफ उक्त याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि गीता बाई के बेटे निर्लेश खांबरा ने 12 मई 2019 को अनावेदिका हेमलता से विवाह किया था. विवाह के दो माह बाद ही हेमलता अपने पति से साथ रचना नगर में अलग से रहने लगी थी. उसने अगस्त 2020 में रायसेन जिले के सुल्तानपुर थाने में पति सहित उनके खिलाफ भी दहेज एक्ट की रिपोर्ट दर्ज करवाई.