हजारीबाग: बड़े शहरों में दिखने वाले बाउंसर अब छोटे-छोटे शहर और जगहों पर भी दिख रहे हैं. हजारीबाग के बरही में नामांकन करने के दौरान भी राजनेत अपनी सुरक्षा के लिए बाउंसर लेकर पहुंचे. यह चर्चा का विषय भी बन गया कि आखिर काले-काले कपड़े में 6 फीट के बॉडी बिल्डर कौन हैं. अपने साथ बाउंसर लेकर चलना अब यह स्टेटस सा बन गया है.
बरही विधानसभा चुनाव में कई राजनेता अपने साथ नामांकन के दौरान बाउंसर लेकर पहुंचे. जिसे देखकर हर कोई अश्चर्यचकित हो गया कि आखिर ये नेता कौन हैं. नामांकन करने के दौरान बाउंसर की आवश्यकता क्यों पड़ गई. दरअसल चुनाव के दौरान नेताओं को स्टेटस बताना भी जरूरी होता है. जो नेता जितनी भीड़ के साथ पहुंचता है उसकी लोकप्रियता अधिक मानी जाती है. इसी तरह जो राजनेता अपने साथ सुरक्षा कर्मी रखता है यह माना जाता है कि वह खास है. स्थानीय भी कहते हैं कि यह सिर्फ और सिर्फ स्टेटस को दर्शाता है.
जानकारी देते हुए ईटीवी भारत संवादाता (ईटीवी भारत) हाल के दिनों में कई सारे नियम बन जाने से सरकारी सुरक्षा आसानी से नहीं मिलती. ऐसे में बाउंसर की मांग बढ़ी है. काले सफारी सूट में सजे करीब छह फीट ऊंचे, हट्टे-कट्ठे बदन वाले बाउंसर कई नेताओं के साथ अक्सर घूमते दिखते हैं. जनप्रतिनिधि बनने की ताल ठोंक रहे नेता भी दो-तीन बाउंसर लेकर साथ में घूम रहे हैं. जनसभा और जनता से मिलने के लिए जाते समय भी यह बाउंसर उनके साथ साये की तरह दिखते हैं. हालांकि इनमें अधिकांश को सुरक्षा संबंधी कोई परेशानी नहीं है. लेकिन सिर्फ स्टेटस सिंबल के लिए यह नेता हर महीने भारी-भरकम खर्चा उठा रहे हैं.सुरक्षा में तैनात एक बाउंसर ने कहा इसके जरिए भी रोजगार का सृजन हो रहा है तो दूसरी ओर अपने साथ चार-पांच बाउंसर रहना स्टेटस भी बन गया है. राजनेता भी बाउंसर का उपयोग अपनी सुरक्षा के लिए कर रहे हैं. इससे बाउंसर को एक तरह से रोजगार भी मिल जाता है.