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पेयजल की होगी किल्लत, 20 अप्रैल से एक महीने तक होगी नहरबंदी - एक महीने तक होगी नहरबंदी

रावी व्यास की नदियों का जल राज्य के लिए आवंटित पूर्ण मात्रा में प्राप्त करने के लिए इंदिरा गांधी फीडर नहर का जीर्णोद्धार और मरम्मत के चलते गर्मी के सीजन में नहरबंदी होगी. नहरबंदी 15 जिलों में 20 अप्रैल से 19 मई तक की जाएगी.

canal closure from April 20 to May 19
20 अप्रैल से एक महीने तक होगी नहरबंदी

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 6, 2024, 9:21 PM IST

बीकानेर. पश्चिमी राजस्थान की लाइफ लाइन कही जाने वाली इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र के 15 जिलों में 20 अप्रैल से 19 मई तक इंदिरा गांधी फीडर एवं मुख्य नहर की मरम्मत के चलते नहरबंदी होगी. इस नहरबंदी से इन 15 जिलों के करोड़ों लोगों को पेयजल की किल्लत का सामना करना होगा. जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा कि इस दौरान 30 दिन के लिए पूर्ण नहरबंदी की जाएगी, ताकि सिंचाई एवं पेयजल की जरूरत के लिए के लिए 18 हजार क्यूसेक पानी को सुनिश्चित किया जा सके.

उन्होंने बताया कि 20 मार्च से 19 अप्रैल तक आंशिक नहरबंदी की जाएगी ताकि पूर्ण नहरबंदी के दौरान पेयजल की समुचित उपलब्धता हो सके. अभय कुमार ने जल संसाधन विभाग, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तथा इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जुड़े अधिकारियों को इस दौरान समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पूर्ण नहरबंदी के दौरान पंजाब एवं राजस्थान क्षेत्र में इंदिरा गांधी फीडर एवं मुख्य नहर का जीर्णोद्धार किया जाएगा.

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नहर की क्षमता 18 हजार क्यूसेक: अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना की क्षमता 18 हजार क्यूसेक है. वर्तमान में यह क्षमता घटकर 12 हजार क्यूसेक ही रह गई है. नहर का निर्माण 60 वर्ष पूर्व किया गया था जो अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे प्रदेश को अपने हिस्से का 60 प्रतिशत जल ही प्राप्त हो पाता है. पेयजल एवं सिंचाई के लिए लोगों को समुचित पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. किसानों एवं आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए आंशिक एवं पूर्ण नहरबंदी का निर्णय लिया गया है.

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पूरा करें भंडारण: उन्होंने निर्देश दिए कि पूर्ण नहरबंदी शुरू करने से पहले समस्त जल भंडारणों, नहरों में पोंडिंग, तालाबों, डिग्गियों, जोहड़, सार्वजनिक जल स्रोतों के अलावा निजी डिग्गी, जोहड़ एवं निजी भंडारण स्रोतों का भी पूर्णभरण सुनिश्चित किया जाए. इस दौरान नहरों में जल प्रवाह एवं पोन्डिंग की चोरी को रोका जाए. उन्होंने विभागों एवं जिला प्रशासन को आपसी समन्वय स्थापित कर नहरबंदी के दौरान पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.

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कंट्रोल रूम से हो मॉनिटरिंग: जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सचिव डॉ समित शर्मा ने कहा कि पूर्ण एवं आंशिक नहरबंदी के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाए. पानी की चोरी रोकने के लिए पुलिस का भी सहयोग लिया जाए. उन्होंने बिजली की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो इसके लिए विद्युत विभाग से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए. उन्होंने नहरबंदी से पूर्व पेयजल के लिए ट्यूबवैल एवं हैण्डपंप की अनुमति जारी करने के भी निर्देश दिए.

8 जिलों में सिंचाई जरूरी: गौरतलब है कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 8 जिलों श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर एवं फलौदी के 16.70 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है. जबकि 15 जिलों बाड़मेर, बालोतरा, सीकर, नीमकाथाना, झुंझुनूं, नागौर, डीडवाना-कुचामन, गंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर एवं फलौदी के 49 शहर/कस्बे, 7500 गांव-ढ़ाणी तथा महाजन फायरिंग रेंज एवं सेना को पेयजल उपलब्ध होता है.

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