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बटर फेस्टिवल समिति ने हाईकोर्ट में पेश किया प्रार्थना पत्र, बुग्याल में 200 पर्यटकों की मांगी अनुमति - Nainital High Court - NAINITAL HIGH COURT

Nainital High Court नैनीताल हाईकोर्ट में आज मखमली घास के मैदान को बचाने के मामले में बटर फेस्टिवल समिति ने पूर्व के आदेश को संसोधन कराने हेतु प्रार्थना पत्र पेश किया. जिस पर खंडपीठ ने राज्य सरकार को आगामी मंगलवार तक स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए.

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नैनीताल हाईकोर्ट (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 1, 2024, 9:01 PM IST

Updated : Aug 6, 2024, 7:49 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फैले सैकड़ों एकड़ मखमली घास के मैदान (क्षेत्रीय भाषा में बुग्याल) को बचाने के लिए पूर्व में वेदनी बुग्याल संरक्षक समिति की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 2018 में राज्य सरकार को कई अहम निर्देश जारी किए थे. इस आदेश से प्रभावित बटर फेस्टिवल समिति ने आज उच्च न्यायलय में पूर्व के आदेश को संसोधन कराने हेतु प्रार्थना पत्र पेश किया.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि 2018 में उच्च न्यायालय ने मखमली घास के मैदानों में पर्यटकों, पर्वतारोही और 200 से अधिक लोगों के आवागमन पर रोक लगा रखी है, इसलिए इस आदेश को संसोधित करते हुए बटर फेस्टिवल के लिए 200 से अधिक लोगों की आवाजाही के लिए अनुमति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ती राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से आगामी मंगलवार तक स्थिति से अवगत कराने को कहा है.

मामले के अनुसार साल 2014 में वेदनी बुग्याल संरक्षक समिति ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि मानवीय दखल से उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण पर संकट आ गया है. साथ ही उच्च हिमालय की श्रेणी की तलहटी में स्थित बुग्याल यानी मखमली घास के मैदान भी चपेट आ गए हैं. जिसकी वजह से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, इसलिए इनको बचाने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि इन क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियां कम हो.

पूर्व में कोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए राज्य को निर्देश दिए थे कि पर्यवारण को ध्यान में रखते हुए सर्वप्रथम इनकी रक्षा की जाए. इन क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों पर रोक लगाई जाए. 200 से अधिक पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगााने और जितने भी पक्के निर्माण कार्य हुए हैं, उन्हें निरस्त किया जाए. साथ ही बुग्यालों में रात्रि विश्राम पर भी रोक लगाई जाए.

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Last Updated : Aug 6, 2024, 7:49 PM IST

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