हल्द्वानी: पहाड़ के ज्यादातर पुल और पुलिया अंग्रेजों के जमाने के हैं, जो अधिकतर लोहे के बने हुए हैं, अब वह जर्जर हालत हो चुके हैं. यहां तक की पुलों की चौड़ाई और भार क्षमता भी कम हो गई है. जिसके चलते अक्सर सड़कों पर जाम की स्थिति और खतरे की आशंका बनी रहती है. ऐसे में अब पीडब्ल्यूडी इन पुलों को पुनर्निर्माण की कार्रवाई करने जा रहा है. जिसमें पुलों की लंबाई और चौड़ाई और भार क्षमता बढ़ाई जाएगी.
मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रह्लाद सिंह बृजवाल ने बताया कि शासन के निर्देश पर नैनीताल जिले में 21 छोटे बड़े पुल और पुलिया हैं, जिनका पुनर्निर्माण होना है. उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले में ज्यादातर पुलिया लोहे की बनी हुई है, जो अंग्रेजों की जमाने की हैं. जिनका पुनर्निर्माण होना है. यह सभी पुल काफी पुराने हैं, जो जर्जर हालत में हैं. इनकी चौड़ाई और लंबाई के साथ भार क्षमता कम हो गई है. जिसके चलते अक्सर सड़कों पर जाम और खतरे की आशंका बनी रहती है.
उन्हें बताया कि पुराने पुल सभी B कैटिगरी के पुल हैं, जिनके भार क्षमता 16 टन है. लेकिन अब इन पुलों को पुनर्निर्माण कर A करेगरी पुल बनाया जाएगा, जिसकी भार क्षमता 70 टन होगी. नैनीताल जिले की सबसे बड़ी रामनगर भडारपानी पुल की लंबाई 125 मीटर है. मुख्य अभियंता ने बताया कि पहले चरण में एक पुल का सर्वे, डीपीआर और डिजाइन का कार्य चल रहा है. डीपीआर तैयार कर शासन को भेजने की कार्रवाई की जा रही है.
शासन से बजट मिलते ही इन पुलों का कायाकल्प किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सभी पुलों को अत्याधुनिक तरीके से बनाने का काम किया जाएगा. जिससे कि लैंडस्लाइड से पुलों को किसी तरह का कोई नुकसान ना पहुंचे. साथ ही इसकी चौड़ाई पर भी विशेष फोकस रखा जाएगा. जिससे पहाड़ों पर लगने वाला जाम से निजात मिल सके.
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