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पांच सौ करोड़ की मनी लॉड्रिंग के आरोपी बिजनेसमैन माधव आचार्य को जमानत मिली - Madhav Acharya gets bail - MADHAV ACHARYA GETS BAIL

बिजनेसमैन माधव आचार्य को दिल्ली की अदालत ने जमानत दे दी. वह बीते साढ़े चार माह से मनी लॉड्रिंग मामले में जेल में बंद थे.

बिजनेसमैन माधव आचार्य को बड़ी राहत.
बिजनेसमैन माधव आचार्य को बड़ी राहत. (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 4, 2024, 8:55 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 500 करोड़ रुपये की मनी लॉड्रिंग मामले के आरोपी और बिजनेसमैन माधव आचार्य को जमानत दे दी. स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने कहा कि आरोपी साढ़े चार महीने से ज्यादा समय से हिरासत में है और निकट भविष्य में ट्रायल खत्म होने की संभावना नहीं है. कोर्ट ने कहा कि त्वरित ट्रायल किसी भी आरोपी का मौलिक अधिकार है. इस मामले में जांच अभी जारी है और जांच एजेंसी पूरक चार्जशीट दाखिल कर रही है. ऐसे में ट्रायल के निकट भविष्य में खत्म होने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी चार महीने 18 दिन हिरासत में गुजार चुका है. किसी आरोपी को अनिश्चितकाल तक के लिए हिरासत में नहीं रखा जा सकता है. सुनवाई के दौरान माधव आचार्य की ओर से पेश वकील विकास पाहवा ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है. उन्होंने कहा कि अगर आरोपी को जमानत दी जाती है तो उसके मनी लॉड्रिंग के मामले में लिप्त होने की कोई संभावना नहीं है. इस मामले में जो भी साक्ष्य है वो दस्तावेजी या डिजिटल है. इससे छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है.

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सुनवाई के दौरान माधव आचार्य की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि आरोपी अवंता समूह के मुख्य प्रबंधकों में से एक था. ईडी के मुताबिक, 2017 से लेकर 2019 तक थापर, अवंता रियल्टी और ओयेस्टर बिल्डवेल ने यस बैंक के साथ 466.51 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. यस बैंक ने अपनी शिकायत में कहा है कि ओयेस्टर बिल्डवेल की एक सहयोगी कंपनी ने एक पावर प्लांट का ठेका लेने के लिए दिसंबर 2017 में दस सालों के लिए 515 करोड़ रुपये का लोन लिया था, लेकिन कंपनी लोन की ईएमआई नहीं दे रही. इसके बाद उसे 30 अक्टूबर 2019 को एनपीए करार दिया गया. बता दें, 2020 में सीबीआई ने यस बैंक के पूर्व एमडी राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 307 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अवंता रियल्टी में रिश्वत के रूप में एक बंगला खरीदने के मामले में केस दर्ज किया था.

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