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एक गांव ऐसा भी! बंदर की याद में ग्रामीणों ने कराया मुंडन, दसवीं पर भंडारे का आयोजन - mundan on monkey death - MUNDAN ON MONKEY DEATH

बुरहानपुर के अंबाडा गांव में बंदर की मौत पर ग्रामीणों ने हिंदू रीति रिवाज से बंदर का अंतिम संस्कार किया. बंदर की दसवीं पर ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से मंडन कराया है. साथ ही अन्न का दान कर भंडारे का भी आयोजन किया.

MUNDAN ON MONKEY DEATH
बुरहानपुर में बंदर की मौत पर भोज का आयोजन (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 15, 2024, 1:59 PM IST

बुरहानपुर। जिले के नेपानगर तहसील के अंबाडा गांव में दस दिन पहले एक बंदर का आकस्मिक निधन हो गया था. इसके बाद ग्रामीणों ने पूरे रीति रिवाज से शव यात्रा निकालकर उसका अंतिम संस्कार कराया था. बंदर की दसवीं पर ग्रामीणों ने गांव के श्री राम मंदिर में बंदर की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और श्री राम का जाप किया. बंदर की दसवीं पर ग्रामीणों ने कई धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए, साथ ही 15 लोगों ने मुंडन कराया है. गांव में भंडारे का भी आयोजन किया गया.

बंदर की दसवीं पर ग्रामीणों ने कराया मुंडन (Etv Bharat)

बंदर का हिंदू रिवाज से अंतिम संस्कार

दरअसल, अंबाडा गांव में एक बंदर का शव एक मकान की छत पर मृत अवस्था में पाया गया था. बंदर की मौत से पूरा गांव रोया. उन्होंने बंदर को कुर्सी पर बिठाकर नहलाया, महिलाओं ने आरती उतारी, फूलों से सजाकर इंसानों की तरह शव यात्रा गांव के गली मोहल्लों से निकाली. शव यात्रा में श्री राम नाम जाप किया गया. पूरे विधि विधान से बंदर को दफनाया गया. किसी जानवर के प्रति ग्रामीणों का लगाव देखकर हर कोई भावुक हो गया. लोगों ने नम आंखों से बंदर को अंतिम विदाई दी, दसवें पर ग्रामीणों ने अपने बाल मुंडवाकर मुंडन कराया है.

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बंदर की मौत पर रोया पूरा गांव

बता दें कि, यह बंदर अंबाडा गांव में कई सालों से रह रहा था, उसने कभी भी किसी ग्रामीण को चोट नही. पहुंचाई, इससे उसके प्रति सभी को लगाव हो गया था. ग्रामीण उसके भोजन, पानी की व्यवस्था करते थे. ग्रामीण भोजन देने के लिए उसे पुकारते थे, इससे ग्रामीणों और बंदर के बीच प्रेम बढ़ गया था. जब उसकी मौत की खबर सुनी तो पूरे गांव में शौक की लहर फैल गई. ग्रामीण मोहल्ले में जमा हुए, उन्होंने उसके अंतिम संस्कार का फैसला लिया. गांव के महाराज को बुलाकर पूरे रीति रिवाजों से अंतिम संस्कार करवाया. दसवें पर अन्न दान किया, उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रभु श्री राम से प्रार्थना की, पुरुषों और बच्चों ने मुंडन भी कराया है.

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