बुरहानपुर।शहर के राजघाट पर पिछले दिनों ताप्ती नदी के तट पर गंगा दशहरा के अवसर नृत्य नाटिका नदी की कहानी का मंचन किया गया. यहां मौजूद जनप्रतिनिधियों व ताप्ती नदी के सेवकों ने यह महसूस किया कि जीवन दायिनी ताप्ती नदी पर भी एक नृत्य नाटिका तैयार होना चाहिए. इसके लिए उन्होंने इंदौर के कार्तिक अकादमी के कलाकारों व निर्देशकों से विस्तार से चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया है.
एमपी के अन्य जिलों में आगामी साल से मनाई जाएगी ताप्ती जयंती
दरअसल, आगामी साल में ताप्ती जंयती पर न केवल बुरहानपुर में बल्कि मध्य प्रदेश के जिन-जिन शहरों से ताप्ती नदी होकर गुजरती है. वहां भी ताप्ती नदी की कहानी को नृत्य नाटिका के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी को सूर्यपुत्री मां ताप्ती के महत्व की जानकारी मिल सके. इसका जिम्मा स्थानीय विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री अर्चना चिटनिस ने उठाया है.
एमपी के 4 जिलों से निकलती है ताप्ती नदी
बता दें कि, पवित्र नदियों में ताप्ती नदी शामिल है. ताप्ती नदी को तापी के नाम से भी जाना जाता है. जो मध्य भारत में गोदावरी और नर्मदा नदियों के बीच एक मध्यस्थ नदी के रूप में निकलती है. बुरहानपुर सहित मध्य प्रदेश के 4 जिलों से होकर 3 राज्यों के 12 जिलों से गुजरने वाली ताप्ती नदी का उद्गम बैतूल जिले के मुलताई से हुआ है.
ताप्ती नदी के महत्व पर बनेगी संगीतमय नाटिका