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कांधा दिया हांडी उठाई, बुरहानपुर में पिता को मुखाग्नि देकर डॉक्टर बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज - DAUGHTER FULFILL FATHER LAST WISH - DAUGHTER FULFILL FATHER LAST WISH

बुरहानपुर में बेटी अनुपमा दीक्षित ने बेटे का फर्ज निभाते हुए पिता का अंतिम संस्कार किया है. यह नजारा देख वहां के लोग भावुक हो गए. पिता की आखिरी इच्छा था कि उनकी बेटी उन्हें कंधा देकर उन्हे मुखाग्नि दे.

BURHANPUR DAUGHTER BURNT HER FATHER
बेटी ने पिता की अर्थी को कंधा देकर किया अंतिम संस्कार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 9, 2024, 10:56 AM IST

बुरहानपुर: आज के इस युग मे बेटियां बेटों से कम नहीं हैं. घर की चार दीवारी से निकलकर बेटियां हर काम में अपने हुनर का लोहा मनवा रही हैं. इसकी एक ताजी बानगी बुरहानपुर शहर के लोहार मंडी क्षेत्र में देखने को मिली. दरअसल यहां दीक्षित परिवार की बहू डॉ. अनुपमा दीक्षित ने पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए बेटे का फर्ज निभाया है. उन्होंने पिता की अर्थी को कंधा दिया. अपने प्रोफेसर पिता अशोक शर्मा का पूरे रीति रिवाजों से अंतिम संस्कार किया.

बेटी को कंधा देते देख भावुक हुए लोग (ETV Bharat)

नजारा देख लोग हुए भावुक

आपको बता दें कि, प्रोफेसर अशोक शर्मा जबलपुर के निवासी हैं. उन्हें तीन बेटियां हैं और बेटा नहीं होने के कारण वे दो महीने से दामाद डॉ. आनंद दीक्षित और बेटी डॉ. अनुपमा दीक्षित के घर रह रहे थे. गुरुवार को उनका निधन हो गया. बड़ी बेटी डॉ. अनुपमा दीक्षित ने पिता की अर्थी उठाने से लेकर मुखाग्नि सहित अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया. बेटी ने बेटों की तरह कंधा देकर फर्ज निभाया, इस नजारे को जिसने भी देखा भावुक हो गया. लोगों ने बेटी के जज्बे को खूब सराहा.

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पिता की ख्वाहिश की पूरी

अनुपमा के पिता अशोक शर्मा ने उन्हें पढ़ा लिखाकर डॉक्टर बनाया और अच्छे परिवार में ब्याह कराया. उनके पति भी पेशे से डॉक्टर है. उनके परिवार की पृष्ठभूमि राजनीतिक और शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित है. परिवार के स्व. पंडित गंगा चरण दीक्षित खंडवा के सांसद रह चुके हैं. शहर में दीक्षित परिवार की अच्छी पैठ है. डॉ.अनुपमा दीक्षित ने बताया,"उनके पिता अशोक शर्मा ने उन्हें बड़ी बेटी होने के नाते खूब पढ़ाया लिखाया, इससे उन्होंने मुकाम हासिल किया. डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा कर रही हूं, इसलिए उन्होंने अंतिम समय में बेटे का फर्ज निभाकर पिता की ख्वाहिश पूरी की है."

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