वाराणसी:पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में एक बार फिर बुलडोजर गरजने वाला है. मकानों के ध्वस्तीकरण की यह कार्रवाई बड़े पैमाने पर होगी. बुलडोजर एक-दो नहीं, बल्कि कुल 76 मकानों पर चलेगा. इसके लिए वाराणसी नगर निगम अपने विशेष अधिकार का उपयोग करेगा. निगम का बुलडोजर उन मकानों पर चलेगा जो बेहद जर्जर हो चुके हैं और लोगों की जान के लिए खतरा बने हैं. नगर निगम ने ऐसे 76 मकानों को चिह्नित कर लिया है. अगले 20 से 25 दिन के अंदर इन मकानों को जमीदोज कर दिया जाएगा.
बनारस में गिराए जाएंगे 76 मकान. (Video Credit; ETV Bharat) बनारस में 489 मकान जर्जर :बनारस में जर्ज मकान खतरा बने हैं. इसे देखते हुए नगर निगम ने इन मकानों को चिह्नित कराना शुरू किया. नगर निगम के रिकॉर्ड में 489 ऐसे जर्जर भवन हैं, जो खतरा बने हैं. बीते 15 सालों से भी ज्यादा वक्त से ये नगर निगम के गले की फांस बने हैं. हर मानसून से पहले नगर निगम इन भवनों को नोटिस जारी करता है. किसी न किसी कारण से कार्रवाई नहीं हो पाती.
हो चुके हैं कई हादसे :इस बार मानसून के दौरान कई भवन अलग-अलग जगहों पर गिरे हैं. इसमें विश्वनाथ मंदिर के पास जर्जर मकान गिरने से एक महिला की मौत हो चुकी है. इस घटना में 10 लोग घायल भी हुए. वहीं मछोदरी इलाके में एक जर्जर मकान का एक हिस्सा अचानक गिरने के कारण लगभग एक दर्जन उसमें फंस गए थे और उन्हें रेस्क्यू करना पड़ा. इसके अलावा दशाश्वमेध जोन में दो मकान गिरे, जिसके बाद नगर निगम की काफी किरकिरी हुई. इन सभी को देखते हुए नगर निगम ने अति जर्जर भवनों को गिराने के लिए अपने वीटो पावर के इस्तेमाल की तैयारी कर ली है.
इस विशेषाधिकार का इस्तेमाल करेगा नगर निगम:नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने अति जर्जर भवनों को चिन्हित करने का काम शुरू किया है. फस्ट फेज में 76 भवनों को चिन्हित किया गया है. चिन्हित किए गए इन भवनों पर नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 334 (3) का प्रयोग करते हुए खाली करा कर उसकी मरम्मत करवाने या गिराने की कार्यवाही करेगा. नगर निगम के वरुणापार जोन में 06 अति जर्जज भवन चिन्हित किए गए हैं, जबकि कोतवाली जोन में 70 भवन अति जर्जर मकान हैं.
भवन स्वामियों को दी गई मोहलत:नगर आयुक्त ने सभी भवन स्वामियों से तत्काल मकान खाली कराने के लिए एक टीम को नियुक्त किया है. इस बारे में वाराणसी नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि सभी भवन स्वामियों को नोटिस दे दिया गया है और 15 दिन से 1 महीने तक का वक्त दिया गया है. जो भी भवन स्वामी किसी किराएदार के साथ विवाद की वजह से मकान गिराने में असमर्थ हैं, उनके साथ भी संपर्क किया जा रहा है.
मकान गिराने का खर्च भी भवन स्वामी देगा:जो भी विवादित मकान हैं, उनके लिए पुलिस की मदद ली जाएगी. संबंधित थाने इन मकानों को खाली करवाएंगे और उसके बाद नगर निगम कार्रवाई करेगा. साथ ही इन भवनों को गिराने या मरम्मत का जो भी खर्च होगा, वह भी भवन स्वामी से ही वसूला जाएगा. जब तक नोटिस वापस नहीं लिया जाता, तब तक कोई व्यक्ति उस भवन अथवा उसके भाग में प्रवेश नही करेगा. लेकिन अगर भवन स्वामी चाहे तो मरम्मत का कार्य शुरू करवा सकता है.
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