नई दिल्ली:दिल्ली सरकार का आज 10वां बजट विधानसभा में पेश किया गया. इस बार दिल्ली में स्वास्थ्य के बजट को पिछली साल की तुलना में कम कर दिया गया है. पिछले साल का स्वास्थ्य बजट 9,742 करोड़ रुपये था, जबकि इस बार का स्वास्थ्य बजट को 8,685 करोड़ रुपये किया गया है. यह पिछले साल की तुलना में 1,057 करोड़ रुपये कम है. दिल्ली सरकार हमेशा स्वास्थ्य और शिक्षा को अपनी प्राथमिकता वाला क्षेत्र बताती रही है. इस बार के बजट में सरकार ने शिक्षा का बजट तो बढ़ाया, लेकिन स्वास्थ्य बजट कम कर दिया है.
जानकारी के लिए बता दें कि राजधानी में दिल्ली सरकार के प्रमुख अस्पतालों में लोकनायक अस्पताल, जीबी पंत अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, डॉ. बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान, यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस), मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज सहित कई छोटे-बड़े 50 से भी ज्यादा अस्पताल वर्तमान में संचालित किए जा रहे हैं. इन सभी अस्पतालों को दिल्ली सरकार बजट देती है. कई अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को समय से वेतन न मिलने का मुद्दा भी उठता रहा है.
इनमें राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान सहित एक दो और अस्पताल में डॉक्टरों का तीन-तीन महीने का वेतन बकाया रहता है, जिसके चलते कई डॉक्टर अस्पताल भी छोड़कर जा चुके हैं. विधानसभा के पिछले सत्र में खुद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्रपाल गौतम ने अस्पतालों में डॉक्टरों की समय से वेतन न मिलने और अस्पताल छोड़ने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. इसके बाद सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए दीवाली पर डॉक्टरों को बकाया वेतन दिया था. हालांकि इसके बाद से फिर वेतन बकाया हो गया है. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों के लिए भी धनराशि का आवंटन किया गया है.