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घोसी से बसपा सांसद अतुल राय ने कोर्ट में लगाई गुहार, कहा- मेरी जान को खतरा, मुझे जेल भेज दीजिए - Ghosi MP Atul Rai surrender

घोसी सांसद अतुल राय ने कोर्ट में सरेंडर करते हुए अपनी जान को खतरा बताया है. अतुल ने एक एप्लीकेशन देकर जेल भेजे जाने की गुहार लगाई, जिसे कोर्ट ने उन्हें वाराणसी सेंट्रल जेल भेजे जाने का आदेश दिया.

घोसी सांसद अतुल राय
घोसी सांसद अतुल राय (PHOTO CREDIT ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 5:27 PM IST

वाराणसी :घोसी सांसद अतुल राय ने कोर्ट में सरेंडर करते हुए अपनी जान को खतरा बताया है. अतुल ने एक एप्लीकेशन देकर जेल भेजे जाने की गुहार लगाई, जिसे कोर्ट ने उन्हें वाराणसी सेंट्रल जेल भेजे जाने का आदेश दिया. अतुल राय को मिली अंतरिम बेल हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने निरस्त कर दस दिनों में समर्पण करने का निर्देश दिया था. जिसकी अवधि सोमवार को समाप्त हो रही थी. इसी आदेश के अनुपालन में घोसी सांसद ने कोर्ट के समक्ष समर्पण कर अपनी जान को खतरा बताया.

कैंट थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में घोसी सांसद अतुल राय अपने अधिवक्ता अनुज यादव, दिलीप श्रीवास्तव व नरेश यादव के साथ प्रभारी विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अजय कुमार द्वितीय की अदालत में पेश हुए. अदालत में सांसद के जमानतदार हाथी बाजार जंसा निवासी ताड़केश्वर की ओर से इस आशय का प्रार्थनापत्र दिया गया कि वह अपने निजी कार्य से कुछ वर्षों के लिए बाहर जा रहा है, ऐसे में आरोपित अतुल राय की जमानत से मुक्त होना चाहता है. अदालत ने जमानतदार के प्रार्थनापत्र पर सुनवाई करते हुए उसे मंजूर कर लिया और घोसी सांसद को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया.

वहीं घोसी सांसद अतुल राय द्वारा इस आशय का प्रार्थनापत्र अपने अधिवक्तागण के जरिए प्रस्तुत किया गया कि स्वास्थ कारणों व जीवन के खतरे को देखते हुए उसे वाराणसी स्थित केंद्रीय कारागार में निरुद्ध किया जाए. अदालत ने इस प्रार्थनापत्र पर सुनवाई करते हुए इस संबंध में जिला कारागार अधीक्षक को तत्काल आख्या प्रेषित करने का निर्देश दिया. जिला कारागार से प्राप्त हुई आख्या का अवलोकन करने के उपरांत अदालत ने घोसी सांसद को स्वास्थ कारणों व जीवन पर उत्पन्न खतरों को देखते हुए केंद्रीय कारागार वाराणसी में रखने का आदेश दिया.

बता दें कि घोसी सांसद को हजरतगंज में दर्ज मुकदमे में मिली अंतरिम बेल को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने निरस्त कर दस दिनों में समर्पण करने का निर्देश दिया था. जिसकी अवधि सोमवार को समाप्त हो रही थी. इसी आदेश के अनुपालन में घोसी सांसद ने कोर्ट के समक्ष समर्पण कर दिया.

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