गया: गया के चंदन कुमार ने सफलता की नई इबारत लिख दी है. पोस्ट ऑफिस में क्लर्क रहने के बाद अब चंदन कुमार बीपीएससी अधिकारीहो गए हैं. गया के कोइरीबाड़ी के रहने वाले दिव्यांग चंदन कुमार बीपीएससी 69वीं परीक्षा में 9वां रैंक प्राप्त किया है. वह रेवेन्यू विभाग में अधिकारी बने हैं.
चंदन बने BPSC अधिकारी: चंदन कुमार ने मेहनत, धैर्य के साथ समय का सदुपयोग किया. 12 साल से वह डाक विभाग में क्लर्क के पद पर नौकरी कर रहे हैं. इसके बावजूद अपनी कड़ी मेहनत से बीपीएससी में सफलता प्राप्त कर अच्छा मुकाम हासिल किया है. वे शारीरिक रूप से दाहिने हाथ पांव से विकलांग हैं.
2012 में मिली पहली नौकरी: चंदन कुमार को 2012 में गया के पोस्टल डिपार्टमेंट में पहली बार नौकरी प्राप्त हुई थी. नौकरी मिलने के बाद भी वह अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे, बल्कि नौकरी के कार्यों के साथ अपनी शिक्षा और लक्ष्य प्राप्त करने की तैयारी जारी रखा. चंदन बीपीएससी की तैयारी कई वर्षों से कर रहे थे, लेकिन उन्हें यह सफलता तीसरी बार में मिली है.
बीपीएससी में 9वां रैंक: चंदन इससे पहले साल 2021 में बीपीएससी 67वीं परीक्षा में 13 नंबर से चूक गए थे. 2022 में 68वीं बीपीएससी परीक्षा में इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन इंटरव्यू में दो नंबर से वह पीछे रह गए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे और 69वीं बीपीएससी के रिजल्ट में नौवां रैंक प्राप्त कर उन्होंने एक उदाहरण पेश किया है.
असफलता से थे निराश:चंदन कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जॉब लगने के बाद भी तैयारी का समय निकालकर जारी रखा. बीपीएससी के सिलेबस के अनुसार तैयारी की थी. दो बार असफलता के कारण डिप्रेशन हो गया था क्योंकि जब असफलता मिलती है तो धैर्य डगमगाता है, लेकिन परिवार का सहयोग रहता है तो सफलता जरूर मिलती है. जिस कारण असफलता मिली उन गलतियों को धीरे-धीरे कर उसमें सुधार किया.
"मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हो मेरे भाई, माता-पिता सभी का पूर्ण सहयोग मिला. मैं निरंतर पढ़ाई करता रहा और यूपीएससी की भी दो बार परीक्षा दे चुके हैं. इस बार यूपीएससी का मेंस निकालने का पूरा भरोसा है."-चंदन कुमार
पिता किसान और भाई टीचर:उन्होंने बताया कि पिता अरुण कुमार शर्मा किसान हैं और वह औरंगाबाद जिले के गोह थाना अंतर्गत कैथीसिरो गांव पर ही रह कर खेतीबाड़ी करते थे.