सरगुजा :अब तक आपने हरियाणा और पंजाब की बेटियों को पहलवानी, कराटे और बॉक्सिंग करते देखा होगा. लेकिन आप छत्तीसगढ़ की भी बेटियों को मर्दों के खेलों में प्रदर्शन करते देखेंगे. क्योंकि सरगुजा की एक 17 वर्ष की बच्ची साक्षी साहू बॉक्सिंग, किक बॉक्सिंग, जूडो, कराटे, चित कोंडो, मार्शल आर्ट जैसे खेल एक साथ खेल रही है. साक्षी अपने जीवन का पहला खेल चित कोंडो खेलने मुम्बई गई वहां डबल गोल्ड जीता. राज्य स्तरीय कराटे में ब्रॉन्ज मेडल, इसके बाद ओडिशा के पुरी में सीबीएसई नेशनल जोनल बॉक्सिंग में गोल्ड जीता है.
बचपन में ही तय किया लक्ष्य :साक्षी बताती हैं कि "बचपन से ही मेरीकॉम उसकी प्रेरणा रही है, पढ़ाई के दौरान ही मैंने मैरीकॉम की कहानी पढ़ी जिससे प्रेरित होकर मैंने बचपन मे ही तय कर लिया था कि मैं बॉक्सिंग करूंगी. शुरू में परिवार वाले डरते थे कि लड़की होकर कैसे बॉक्सिंग करूंगी, चेहरा खराब हो जाएगा. लेकिन जब मैं सफल हुई तो घर वाले भी सपोर्ट करते हैं. सरगुजा जैसी जगह में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग के लिए कोई भी इनडोर स्थान नही है. लड़कियों को ट्रेनिंग में दिक्कत होती है.