कोटपूतली. किरतपुरा की ढाणी में बोरवेल के गड्ढे में तीन साल की चेतना को निकालने का काम छठे दिन भी जारी है. 116 घंटे बाद भी चेतना को बाहर नहीं निकाला जा सका है. मासूम बच्ची 6 दिन से भूखी प्यासी बोरवेल में फंसी हुई है. ऐसे में अब उसके बचने की संभावना भी बहुत कम है. परिजनों के धैर्य का बांध टूटने लगा है. परिजनों ने प्रशासन पर रेस्क्यू कार्य में लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं चेतना की मां के हालत बुधवार को खराब हो गई थी.
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन का संयुक्त अभियान लगातार जारी है. अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षित बचाव कर्मी बोरिंग के समानांतर पाईलिंग मशीन द्वारा गड्ढा खोदकर केसिंग पाइप की वेल्डिंग का काम कर रहे हैं. उसके बाद एनडीआरएफ के प्रशिक्षित जवानों को इसके बाद गड्ढे में शिफ्ट वाइज उतारा जाएगा और नीचे से होरिजेंटल खुदाई करते हुए बोरवेल में फंसी बच्ची तक पहुंचा जाएगा. उनके पास ऑक्सीजन सहित सभी उपकरण मौजूद हैं.
कोटपूतली बोरवेल हादसा : कंप्रेसर की नल बोरवेल में डालते हुए (वीडियो ईटीवी भारत कोटपूतली) चेतना के लिए दुआओं का दौर : घटना स्थल पर लगातार 6 दिनों से सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण लोग मौजूद हैं. ऐसे में ग्रामीण व परिजन चेतना की सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं. वहां मौके पर प्रार्थना सभा व कार्यक्रम के आयोजन भी चल रहे हैं. घटना स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है.
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प्रशासन के सभी प्लान अब तक फेल :चेतना के बोरवेल में गिरने के बाद से प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. लेकिन अभी तक प्रशासन को सफलता नहीं मिली है. 5 दिन बीत चुके हैं और छठे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. प्रतिदिन प्रशासन की तरफ से नया प्लान बनाया जाता है और सभी प्लान अभी तक कारगर साबित नहीं हुए हैं. किरतपुरा की ढाणी में नवनिर्मित बोरवेल में गिरी तीन वर्षीय बच्ची चेतना को करीब 116 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है. घटना के बाद से लगातार छठे दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी है.
एडिशनल एसपी वैभव शर्मा ने बताया कि "एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन का संयुक्त रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है. इसके तहत प्रशिक्षित बचाव कर्मी पाइलिंग मशीन द्वारा गड्ढा खोदकर केसिंग पाइप की वेल्डिंग का काम कर रहे हैं. इसके बाद एनडीआरएफ के जवानों को शिफ्ट वाइज गड्ढे में उतारा जाएगा, और होरिजेंटल खुदाई के जरिए बच्ची तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा."
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बोरवेल में गिरने के बाद से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को छह दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन को सफलता नहीं मिल पाई है. चेतना के रेस्क्यू के लिए उत्तराखंड से स्पेशल टीम को बुलाया गया है, जो लगातार बच्ची को बाहर निकालने में जुटी है. करीब 116 घंटे बाद भी चेतना को बाहर नहीं निकाला जा सका है. चेतना सोमवार को खेलते वक्त बोरवेल में गिर गई थी.