लखनऊ :यूपी में एसजीपीजीआई संस्थान में ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट होता है. आगामी वर्ष में इसे ज्यादा विस्तार दिया जाएगा. साथ ही किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय को भी इसमें शामिल किया जाएगा. ताकि, भविष्य में बोन मैरो ट्रांसप्लांट केजीएमयू संस्थान में भी हो सकें.
इसके लिए केजीएमयू से कोऑर्डिनेट किया जाएगा. यह बातें ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान SGPGI के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने कही. इस दौरान उन्होंने आगामी वर्ष में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अन्य किन बिंदुओं पर काम किया जाएगा, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी.
पीजीआई निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि मैं वर्ष 2019 में इस संस्थान से जुड़ा. उस समय यहां 16,09 बेड थे. अब मौजूदा समय में 2,272 बेड है. एसजीपीजीआई सुपरस्पेशलिटी तर्ज पर बनाया गया था. यहां पर डीएम नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, आरएमसी, कार्डियेक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, एमसी, एमएचएन हैं. ऐसा इंतजाम है कि जो चिकित्सा व्यवस्था कहीं भी हो न हो, वह एसजीपीजीआई में मरीजों को मिल सके.
संस्थान ने 40 साल में काफी तरक्की की :निदेशक ने बताया कि पिछले 40 वर्ष में संस्थान ने बहुत तरक्की की है. नौ नए विभाग बनाए गए हैं. 4 नए सेंटर इमरजेंसी मेडिसिन, एडवांस डायबिटिक सेंटर, एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर और सेंटर ऑफ एक्सीलेंट चिल्ड्रन बोर्न कंजर्नाइटल हार्ट डिजीज बनाया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विकसित भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है.
उसके तहत हमें विश्व स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था रखनी है. इसको देखते हुए पूरी तत्परता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है. जब देश अपना 100वां इंडिपेंडेंस डे मना रहे होंगे तब उस समय प्रदेश में हमारा स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे अच्छी हो, उसमें एसजीपीजीआई का रोल सबसे अग्रणी होना चाहिए. ट
फैकल्टी मेंबर्स-स्टूडेंट को सीएम ने किया सम्मानित :उन्होंने कहा कि पीजीआई में वर्ष 2024 में अब तक 1,16,000 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें से 48,600 मरीजों का इलाज किया गया. वहीं, 14 हजार से अधिक ऑपरेशन किए गए जबकि 114 किडनी ट्रांसप्लांट, 32 बोनमेरो ट्रांसप्लांट, 1 लिवर ट्रांसप्लांट, 591 ओपन हार्ट सर्जरी और 319 रोबोटिक सर्जरी की गई.