देवघर: जिला सोनाराठाडी थाना क्षेत्र के डोंडिया पंचायत के डोंडिया गांव उस समय सनसनी फैल गयी जब एक साथ तीन बच्चों का शव तालाब में पाया गया. ये तीन बच्चे बासुदेव यादव और हरीकिशोर यादव नाम के शख्स के परिवार के बच्चे हैं. इसको लेकर पीड़ित परिवार ने अपने रिश्तेदार पर इन बच्चों की हत्या का आरोप लगाया है.
इस घटना को लेकर मृतक बच्चे के पिता हरीकिशोर यादव ने बताया कि पिछले दिनों उनके रिश्तेदार विनोद, रितलाला, मनोज, नवल और शंभू ने धमकी दी थी. साथ ही कहा था कि वो उनके परिवार के सभी सदस्य को खत्म कर देगा. इसकी जानकारी मिलने के बाद पीड़ित हरीकिशोर यादव ने कहा कि जब धमकी दी गई तो उसने उसकी धमकी को तवज्जों नहीं दिया लेकिन इसकी सूचना पुलिस को अपने भाई के माध्यम से जरूर दी.
लेकिन सूचना देने के तुरंत बाद ही सभी आरोपियों ने बच्चों को गायब कर दिया. गुरुवार को देर शाम तक बच्चों को ढूंढने के बाद जब उसका पता नहीं चला तो माता-पिता ने बच्चों के लापता होने की शिकायत थाना में कराई. लेकिन थाना में तैनात पुलिस कर्मियों ने इसकी सुध नहीं ली. लगभग कई घंटे की खोजबीन के बाद शुक्रवार को इन तीनों बच्चों का शव गांव के ही एक पोखर में मिला. तीनों बच्चों का शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की और जो पुलिसकर्मी ने लापरवाही बरती थी उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की.
परिजनों ने बताया कि वर्षों से जमीन विवाद चल रहा था जिस वजह से विनोद, रीतलाल, शंभू, मनोज और नवल ने कई बार पीड़ित परिवार को धमकी भी दी थी. धमकी देने के बाद सभी ने मिलकर उसके बच्चे को गुरुवार को पोखर में डूबाकर मार दिया. इस घटना के बाद ग्रामीणों में खासा आक्रोश है और हजारों की संख्या में ग्रामीण एकजुट होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
वहीं आक्रोशित लोगों का समर्थन कर रहे हैं स्थानीय नेता धीरज कुमार झा ने कहा कि जब पुलिस को शिकायत की गई तो पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तारी करने की जगह उसे भागने का मौका दिया. इसलिए आज पुलिस को स्थानीय लोगों ने बिठाकर रखा है और उनसे जवाब ढूंढ रही है. आखिर आरोपियों को पहले गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया यदि पहले पुलिस सजग रहती तो शायद आज तीनों बच्चे इस दुनिया में रहते. घंटों तक स्थानीय थाना प्रभारी और पुलिस की टीम को स्थानीय लोगों ने बिठा कर रखा और उच्च अधिकारियों को मौके पर आने की जिद पर अड़े रहे.